कोलकाता टाइम्स
आपको यह सुनकर शायद थोड़ा अटपटा लगे, लेकिन यह सच है। यह हैरतअंगेज मामला महाराष्ट्र के पालघर का है। जहां एक बेटी ने वीडियो कॉलिंग के जरिये मां का अंतिम संस्कार कराया। इतना ही नहीं, बेटी ने अस्थियों के लिए कुरियर की सेवा का भी इस्तेमाल किया। जानकारी के मुताबिक, पालघर के मनोर धीरज पटेल (70) और उनकी पत्नी निरीबाई पटेल (65) अकेले रह रहे थे। दोनों की एक मात्र बेटी थी, जो विवाह के बाद गुजरात के अहमदाबाद में रह रही है। बीते मंगलवार (21 अगस्त) मंगलवार को धीरज पटेल किसी काम से बाहर गए हुए थे। घर पर किसी के नहीं होने के चलते गांव के हिंदू-मुस्लिम समाज के कई लोग जमा हो गए। गांव के लोगों ने अहमदाबाद में रहनेवाली उनकी बेटी को कॉल किया और सारी जानकारी दी।
बेटी ने फोन पर किसी कारणवश गांव पहुंचने में असमर्थता जताई और कहा कि वे लोग उसकी मां अंतिम संस्कार कर दें, वह वीडियो कॉल के जरिये मौजूद रहेगी। गांव वालों ने बेटी के आग्रह पर मनोर स्थित हिंदू श्मशान भूमि पर उसकी मां अंतिम संस्कार कर दिया और वीडियो कॉलिंग से उसे पूरी अंतिम क्रिया दिखा दी।
बता दें कि हिंदू धर्म के अनुसार अंतिम संस्कार को पितृमेध, अन्त्यकर्म, अंत्येष्टि या दाह संस्कार भी कहा जाता है। हिंदू धर्म के 16 संस्कारों में एक अंतिम संस्कार होता है। दाह संस्कार को वैदिक ज्ञान के निर्देशानुसार संपन्न कराया जाता है। माना जाता है कि हिंदुओं में वैदिक रीति के अनुसार अंतिम संस्कार कराने से मृतक की आत्मा को शांति मिलती है। मौजूद परिदृश्य में अंतिम संस्कार को लेकर भी कई तरह के परिवर्तन दिखाई देते हैं। लेकिन वीडियो कॉलिंग के जरिये अंतिम संस्कार के मामले ने सभी लोगों को चौंका दिया है। वहीं स्थानीय लोगों में इसे लेकर बहस छिड़ी है।