एक साल में 40 से 80 करोड़ टन मांस खा जाती है मकडिय़ां
एक नये अध्ययन के अनुसार शोधकर्ताओं ने 65 अन्य अध्ययनों में जुटाए गए डाटा का इस्तेमाल किया और उनका अनुमान लगाया कि धरती पर 2.5 करोड़ टन वजन की मकडिय़ां मौजूद हैं। इसके बाद शोधकर्ताओं ने यह अनुमान लगाया कि आठ टांगों वाले इन जीवों को जिंदा रहने के लिए खाने के तौर पर सालाना कितने कीड़े मकोड़ों की जरूरत होती है। विज्ञान पत्रिका ‘द साइंस ऑफ द नेचर’ में प्रकाशित एक अध्ययन में कहा गया है कि मकड़ी समुदाय साल भर में 40 से 80 करोड़ टन कीड़ों को अपना शिकार बनाता है। मकडिय़ां बीमारी फैलाने वाले कीड़े-मकोड़ों को इंसान से दूर रखने में अहम रोल अदा करती हैं, खासकर जंगलों और घास वाले इलाकों में, जहां ये मकडिय़ां रहती हैं।
इसी संदर्भ में रिपोर्ट में यह भी बताया गया है किदुनिया भर के इंसान हर साल 40 करोड़ टन मांस और मछली का सेवन करते हैं। वहीं व्हेल्स को एक साल में 28 से 50 करोड़ टन खाने की जरूरत होती है और सीबर्ड्स सात करोड़ टन सीफूड खाती हैं। मकडिय़ों की कुल 45 हजार प्रजातियां हैं जो सभी मांसाहारी हैं।
अध्ययन के मुताबिक आर्कटिक से लेकर रेगिस्तान, गुफाओं, समंदर के तटों, बालू के टीलों और मैदानों तक सब जगह पाई जाती हैं। रिपोर्ट के मुताबिक मकडिय़ां बहुत बढिय़ा शिकारी होती हैं। इसके अलावा वे अन्य जीवों का खाना भी बनती हैं। पक्षियों, परभक्षियों और परजीवियों की ऐसी आठ हजार से ज्यादा प्रजातियां हैं, जो बस मकड़ी को खाकर ही जीवित हैं।