माँ डर से 46 साल गर्व में रहने के बाद जन्मा स्टोन बेबी
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![](https://kolkatatimes.co.in/hindi/wp-content/uploads/sites/3/2018/11/stone-baby.jpg)
कोलकाता टाइम्स :
हर महिला मां बनना चाहती है। प्रसव पीड़ा के असहनीय दर्द को सहकर वो बच्चे को जन्म देती है। लेकिन बच्चे का चेहरा देखने के बाद वो उस पीड़ा उस दर्द को भूल जाती है, लेकिन इस दर्द को सहने की हिम्मत जुटा पाना आसान नहीं होता। ऐसा ही कुछ मोरक्को की रहने वाली जाहरा अबौतालिब के साथ हुआ जिसके चलते उन्होंने गर्भ धारण करने के 46 साल बाद बच्चे को जन्म दिया।
1955 में मोरक्को में रहने वाली जाहरा गर्भवती हुई। सब कुछ ठीक था। 9 महीने के बाद उसकी प्रसव पीड़ा भी शुरू हुई, लेकिन लेबर पेन के बावजूद बच्चे को जन्म नहीं दे पाई। डॉक्टरों ने सिजेरियन के लिए कहा तो जाहरा ने साफ-साफ मना कर दिया और वहां से भाग गई। उसे ऑपरेशन से डर लग रहा था। दरअसल जाहरा ने एक महिला को बच्चे के जन्म के दौरान मरते हुए देखा था, जिससे वो डर गई थी और इसी के चलते वो वहां से भाग गई।
जाहरा गर्भ में बच्चे को लेकर घर लौट आई। उसे बार-बार पेट में तेज दर्द होता था। उस लगता था कि बच्चा अपने आप बाहर आ जाएगा, लेकिन कुछ दिनों बाद दर्द होना खत्म हो गया। जाहरा भी अपने प्रेग्नेंसी की बात भूल गई और बच्चा गर्भ में सोता रहा। जाहरा ने तीन बच्चों को गोद ले लिया, जिसके बाद वो भूल चुकी थी कि वो कभी गर्भवती भी और उसके गर्भ में अभी भी वो बच्चा है।
46 साल बाद अचानक जाहरा के पेट में तेज दर्द उठा। उसे फौरन अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां एमआरआई से पता चला कि वो बच्चा उनके पेट में ही मौजूद है। इतने सालों में बच्चा पत्थर में बदल चुका था, लेकिन जाहरा के अंगों से जुड़ा था। डॉक्टर्स ने 4 घंटे के लंबे ऑपरेशन के बाद उस बच्चे को जाहरा के पेट से निकाला। बच्चा बिल्कुल की पत्थर बन चुका था,लेकिन उसके अंगों को देखा जा सकता था। डॉक्टरों ने उसे स्टोन बेबी का नाम दिया।
1955 में मोरक्को में रहने वाली जाहरा गर्भवती हुई। सब कुछ ठीक था। 9 महीने के बाद उसकी प्रसव पीड़ा भी शुरू हुई, लेकिन लेबर पेन के बावजूद बच्चे को जन्म नहीं दे पाई। डॉक्टरों ने सिजेरियन के लिए कहा तो जाहरा ने साफ-साफ मना कर दिया और वहां से भाग गई। उसे ऑपरेशन से डर लग रहा था। दरअसल जाहरा ने एक महिला को बच्चे के जन्म के दौरान मरते हुए देखा था, जिससे वो डर गई थी और इसी के चलते वो वहां से भाग गई।
जाहरा गर्भ में बच्चे को लेकर घर लौट आई। उसे बार-बार पेट में तेज दर्द होता था। उस लगता था कि बच्चा अपने आप बाहर आ जाएगा, लेकिन कुछ दिनों बाद दर्द होना खत्म हो गया। जाहरा भी अपने प्रेग्नेंसी की बात भूल गई और बच्चा गर्भ में सोता रहा। जाहरा ने तीन बच्चों को गोद ले लिया, जिसके बाद वो भूल चुकी थी कि वो कभी गर्भवती भी और उसके गर्भ में अभी भी वो बच्चा है।
46 साल बाद अचानक जाहरा के पेट में तेज दर्द उठा। उसे फौरन अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां एमआरआई से पता चला कि वो बच्चा उनके पेट में ही मौजूद है। इतने सालों में बच्चा पत्थर में बदल चुका था, लेकिन जाहरा के अंगों से जुड़ा था। डॉक्टर्स ने 4 घंटे के लंबे ऑपरेशन के बाद उस बच्चे को जाहरा के पेट से निकाला। बच्चा बिल्कुल की पत्थर बन चुका था,लेकिन उसके अंगों को देखा जा सकता था। डॉक्टरों ने उसे स्टोन बेबी का नाम दिया।