जानते हैं चीन के बाद भारत है विश्व की दूसरी सबसे बड़ी दीवार का मालिक
किले का निर्माण 1443 में शुरू हुआ था और पूरे 15 वर्षों बाद 1458 में बनकर पूरा हुआ। इस किले में ऊंचे स्थानों पर महल, मंदिर व आवासीय इमारतें बनाई गई और समतल भूमि का इस्तेमाल खेती-बाड़ी के लिए किया गया। वहीं ढलान वाले भागों का उपयोग जलाशयों के लिए कर इस दुर्ग को यथासंभव स्वाबलंबी बनाया गया।
इस दुर्ग के भीतर एक और गढ़ है जिसे कटारगढ़ के नाम से जाना जाता है। यह गढ़ सात विशाल द्वार व सुद्रढ़ प्राचीरों से सुरक्षित है। इस गढ़ के शीर्ष भाग में बादल महल है व कुम्भा महल सबसे ऊपर है। महाराणा उदय सिंह को भी पन्ना धाय ने इसी दुर्ग में छिपा कर पालन पोषण किया था
अक्टूबर से मार्च का महीना यहां घूमने-फिरने के लिए परफेक्ट है। जब मौसम खुशगवार होता है। गर्मियों में यहां आने की प्लानिंग बिल्कुल न करें क्योंकि उस दौरान तापमान 32 से 45 डिग्री होता है वहीं मानसून में बहुत ज्यादा बारीश होती है।