61 हजार भारतीय रईसों ने छोड़ा भारत
कोलकाता टाइम्स :
वैश्विक व्यापार संधि लागू होने के बाद पिछले 14 सालों में 61 हजार भारतीय अरबपतियों ने देश छोड़कर परदेश की नागरिकता तो ली है। असहिष्णुता के मुद्दे पर जिस तरह का माहौल बना है। आमिर खान के बयान ने आग में घी डालकर ज्वाला को और भी भड़का दी है। वर्तमान स्थिति में भारतीयों की विदेशी नागरिकता के हजारों आवेदन विभिन्न देशों में लंबित हैं। चौकाने वाली एक रिपोर्ट में मार्च 2019 तक यह संख्या डेढ़ लाख तक पहुंच सकती है। भारत में ज्यादा टैक्स पर होने, सरकारी अमले का कदम कदम पर भ्रष्टाचार एवं जिल्लत भरा व्यवहार सुरक्षा की चिंता तथा बेहतर शिक्षा को लेकर भारतीय अरबपति तेजी से विदेशी नागरिकता लेकर अपने आपको, आर्थिक एवं सामाजिक रूप से महपूâज बनाये रखना चाहते हैं।
मिडिल क्लास के लोगों में भी विदेशों में बसने की प्रवृत्ति बढ़ रही है जो चिंताजनक है। इसका असर देश की आर्थिक स्थिति में भी पढ़ रहा है। भारतीय नागरिक बड़ी तेजी के साथ अपना निवेश विदेशों में बढ़ा रहे हैं। वेंâद्र सरकार एनआरआई को देश में निवेश के लिए प्रोत्साहित करने में लगी है। देश में अमीरों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। बड़े माल, लग्जरी, होटल और विलासिता के वेंâद्र विकसित हुए हैं। इस स्थिति में उक्त नाइट प्रैंâक नामक संस्था की रिपोर्ट के अनुसार हर चौथा भारतीय अरबपति देश छोड़ने को तैयार बैठा है।
ताजा रिपोर्ट के अनुसार पिछले 14 साल में देश के 1 लाख 60 हजार रईसों में से 61 हजार लोग बेहतर भविष्य की तलाश में विदेश जा चुके हैं। संस्था के रिसर्च हेड एन्ड्रयू एमॉइल्स के अनुसार भारत छोड़ने वालों की प्राथमिकता में अमेरिका, इंग्लैंड, आस्ट्रेलिया, सिंगापुर, और यूएई है। इनके बाहर जाने के पीछे सबसे बड़ा कारण विदेश में बेहतर आर्थिक सामाजिक एवं सुरक्षा कारणों से देश छोड़ रहे हैं।