November 23, 2024     Select Language
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अब चिकन लेग्स से बनेंगे पर्स

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कोलकाता टाइम :

देश के कुछ राज्यों में गोमांस पर पाबंदी के बाद अब चमड़े का उत्पादन घटने की आशंका बढ़ गयी है। इसके मद्देनजर वैज्ञानिकों ने मुर्गे-मुर्गियों की टांगो की मदद से एक नया फैब्रिक बनाने का तरीका खोज लिया है। ये फैब्रिक छोटे घडिय़ाल की चमड़ी से तैयार किये गये फैब्रिक की तरह ही होगा।  

सीएसआईआर के महानिदेशक गिरीश साहनी ने कहा कुछ राज्यों में गोमांस पर पाबंदी और हरित प्रौद्योगिकी की उपलब्धता को देखते हुए केंद्रीय चमड़ा अनुसंधान संस्थान से कहा कि वह कृत्रिम चमड़ा या फिर दूसरा विकल्प लेकर आएं ताकि मांग को पूरा किया जा सके। 

सीएलआरआई केंद्रीय वैज्ञानिक एवं औद्योगिक संस्थान के तहत काम करने वाली प्रयोगशाला है। वह मुर्गे- मुर्गियों के टांगों से चमड़ा बनाने की नई प्रौद्योगिकी लेकर आई है, जो क्वालिटी में छोटे घडिय़ाल की चमड़ी से तैयार फैब्रिक जैसी ही होगी।

वहीं कुछ वैज्ञानिकों का यह भी कहना है कि गायों के काटने पर पाबंदी का चमड़ा उत्पादन पर शायद ही कोई असर हो क्योंकि भेड़, बकरे, करियों और भैंस चमड़ा उत्पादन के दूसरे स्त्रोत है। फिलहाल भेड़ बकरियों की संख्या भी देश में मांस उत्पादन के लिए काफी अधिक है।

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