फेंक दीजिये स्मर्टफ़ोने, आर्टिफीशियल इंटेलीजेंस से होगी बात
कोलकाता टाइम्स :
हो सकता है अगले 5-7 सालों में बातचीत के लिए स्मार्टफोन की जरूरत ही न पड़े बाqल्क उसकी जगह आर्टिफीशियल इंटेलीजेंस से संवाद होने लगे। एरिक्सन के कंज्यूमरलैब द्वारा उपभोक्ताओं के बीच किए गए एक सर्वेक्षण रिपोर्ट में कहा गया है कि मोबाइल प्रौद्योगिकी २०२१ तक बेकार हो जाएगी, क्योंकि आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस में हो रहे विकास से बगैर फोन या टैबलेट के विभिन्न वस्तुओं से संवाद करना संभव हो जाएगा।
एरिक्सन वंâज्यूमरलैब के रेबेका सेडिंरग एंग्स्ट्रॉम ने कहा कि हाथ में स्मार्टफोन रखना उतना व्यावहारिक नहीं। खासकर जब आप कार चला रहे हों या खाना पका रहे हों। कई मौकों पर डिस्प्ले स्क्रीन उतना अच्छा नहीं होता है। इसलिए हर दो में से एक का यह सोचना है कि अगले पांच साल में स्मार्टफोन पुरानी चीज हो जाएगी।
दुनियाभर में स्मार्टफोन का उपयोग करने वालों की संख्या करीब 1.9 अरब है, अब सवाल यह भी है कि क्या सरे लोग स्मार्टफोन से त्रस्त हैं।