आस्था का अनूठा उदहारण श्रीरेणुकाजी
पुरानी देवठी में निवास करते हैं भगवान परशुराम: श्रीरेणुकाजी के विकास के लिए हिमाचल प्रदेश सरकार ने साल 1984 में श्रीरेणुकाजी विकास बोर्ड की स्थापना की थी। यह विकास बोर्ड श्रीरेणुकाजी झील, मां श्रीरेणुकाजी मंदिर, भगवान परशुराम मंदिर,परशुराम तालाब व श्रीरेणुकाजी विकास बोर्ड के तहत आने वाले अन्य दर्शनीय स्थलों की देखभाल व उनके जीर्णोद्धार का कार्य करता है। भगवान परशुराम के मंदिर को पुरानी देवठी के नाम से पुकारा जाता है। कुछ साल पहले भगवान परशुराम के मंदिर का दक्षिण शैली में जीर्णोद्धार किया गया है। इसके मूल स्वरूप को नहीं छेड़ा गया है।
झील में लें बोटिंग का आनंद: श्रीरेणुकाजी आने वाले पर्यटकों के लिए श्रीरेणुकाजी विकास बोर्ड ने झील में बोटिंग की व्यवस्था की है। झील में बोटिंग करने के लिए एक व्यक्ति से आधे घंटे के 70 रुपये, 4 सीट वाली बोट के 250 रुपये और 6 सीट वाली बोट के 300 रुपये लिए जाते हैं। झील की परिक्रमा के लिए बैटरी से संचालित एक गाड़ी भी पर्यटकों के लिए अवेलेबल है।
श्रीरेणुकाजी में पर्यटकों व श्रद्धालुओं के ठहरने के लिए धर्मशालाएं, हिमाचल टूरिज्म के होटल, सराय, निजी होटल व सरकार के विश्रामगृह अवेलेबल हैं।