इसे पेट में लगाते ही भागेगा मोटापा, वैज्ञानिकों का दावा
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कोलकाता टाइम्स :
अमेरिका की विस्कॉन्सिन-मेडिसन यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने एक ऐसी डिवाइस बनाई है जिसे मोटापा नियंत्रित किया जा सकेगा। सर्जरी की मदद से डिवाइस को पेट से जोड़ा जाएगा जो बेहद कम तीव्रता का करंट रिलीज करेगा। जब व्यक्ति खाना खाएगा तो यह डिवाइस एक्टिवेट हो जाएगी और दिमाग को संदेश भेजने वाली नर्व को उत्तेजित करेगी। नर्व की मदद से मस्तिष्क संकेत भेजेगा कि इंसान काे भूख नहीं है। वैज्ञानिकों का दावा है कि इसकी मदद से 15 दिन में 38 फीसदी तक वजन कम किया जा सकता है।
वैज्ञानिकों ने यह शोध चूहों पर किया है। जिसके परिणाम जर्नल नेचर कम्युनिकेशंस में प्रकाशित किए गए हैं। शोधकर्ता टीम के प्रमुख डॉ. शूडॉन्ग वैंग का कहना है कि डिवाइस बेहतर काम करे इसके लिए हृदय की धड़कनों को आधार बनाया गया है।
शोधकर्ताओं का कहना है कि डिवाइस में लगा इलेक्ट्रिक नैनो जनरेटर ही दिमाग से जुड़ी नर्व को उत्तेजित करता है। वैज्ञानिकों ने सर्जरी की मदद से डिवाइस को पेट में इम्प्लांट किया। डिवाइस को एक सोने की प्लेट से जोड़ा गया है। शोध में 250 ग्राम के एक चूहे को शामिल किया गया और 93 दिनों तक हर दिन उसके खाने पर नजर रखी गई। 15 दिनों के बाद ही उसके खाने में दो तिहाई की कमी आई। 18 दिनों के अंदर वजन में 35 फीसदी में गिरावट दर्ज की गई।
वर्तमान में मेस्ट्रो नाम की एक डिवाइस को वजन कम करने में इस्तेमाल किया जा रहा है। जिसे 2015 में फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने मंजूरी दी थी। लेकिन इसकी सबसे बड़ी खामी बैट्री है, जिसे कई बार बदला जाता है।
विस्कॉन्सिन एल्युमिनी रिसर्च फाउंडेशन की मदद से इस डिवाइस का पेटेंट कराया गया है और शोधकर्ताओं को उम्मीद है जल्द ही इंसान से पहले इसका प्रयोग बड़े जन्तु में किया जाएगा। वैज्ञानिकों ने डिवाइस में कहीं भी इसे ऑन या ऑफ करने की सुविधा नहीं दी है। ऐसे में खाने की शुरुआत में ही दिमाग पेट के भर जाने का संकेत देगा जो सेहत को नुकसान भी पहुंचा सकता है। इस बारे में शोधकर्ताओं ने कुछ भी स्पष्ट नहीं किया है।