गोबर ही अब पाकिस्तान साँस लेने का आखरी रास्ता
कोलकाता टाइम्स :
प्रदूषण से बुरी तरह जूझ रहे पाकिस्तान के लिए गोबर ही अब बचाव का रास्ता। पड़ोसी देश पाकिस्तान की इन दिनों हालत यह है कि कई शहरों में प्रदूषूण का स्तर इतना बढ़ चुका है कि साफ हवा में सांस लेना सपना बनकर रह गया है। इससे निपटने के लिए अब पाकिस्तान गाय के गोबर का सहारा लेने जा रहा है। इसके लिए बाकायदा तैयारी भी कर ली गई है और जल्द ही गाय के गोबर की मदद से सड़कों पर प्रदूषणमुक्त गाड़ियां दौड़ती नजर आ सकती हैं।
सबसे पहले, पाकिस्तान के सबसे बड़े शहर कराची में वायु प्रदूषण को कम करने के लिए गाय के गोबर का इस्तेमाल करने की योजना है। इससे समुद्र में गोबर और गाय का मूत्र बहाकर उसके गंदा करने से भी बचाया जा सकेगा। इसके लिए सरकार ने जीरो कार्बन उत्सर्जन वाली 200 ग्रीन बसें चलाने की योजना बनाई है। इन बसों के ईंधन के लिए गाय के गोबर से बनी बायो मीथेन गैस का इस्तेमाल होगा। इसके लिए इंटरनेशनल ग्रीन क्लाइमेट फंड की मदद ली जाएगी। यह परियोजना चार साल में पूरी होगी। जानकारी के अनुसार, इस पूरे प्रोजेक्ट का खर्च 583 मिलियन डॉलर का है।
कराची में चार लाख गाय और भैंस जैसे दुधारू पशु हैं। स्थानीय प्रशासन दुधारू पशुओं का गोबर जमा करेगा, जिसके बाद इससे बायो मीथेन बनाई जाएगी और बसों को सप्लाई की जाएगी। अधिकारियों के मुताबिक इस योजना से हर दिन 3,200 टन गोबर और पशु मूत्र समुद्र में जाने से बचेगा. जिससे समुद्र की भी सफाई होगी।