November 23, 2024     Select Language
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मंदिर में दान करते ही सजा से मुक्ति  

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कोलकाता टाइम्स :
जुर्म छोटा हो या बड़ा, सजा सबके लिए होती है। देश का कानून सबके लिए बराबर हैं। लेकिन गुजरात के कोर्ट ने जो फैसला सुनाया उसे जानकर सब हैरान रह गए। कोर्ट ने जेल के बजाए शख्स को मंदिर में दान देने की सजा सुनाई। जानकारी के मुताबिक गुजरात के वलसाड में बिजनेसमैन को कोर्ट ने जेल के बजाए मंदिर में 50 हजार रुपए दान करने की सजा सुनाई। जानकारी के मुताबिक बिजनेसमैन मनुभाई अंबालिया पर एक महिला की हत्या के मामले में जूठे सबूत पेश करने का आरोप लगा। कोर्ट ने उन्हें झूठे सबूत पेश करने के आरोप में 3 माह की जेल की सजा और जुर्माने की सजा सुनाई, लेकिन बाद में उनकी सजा को 50 हजार के जुर्माने की रकम मंदिर में दान करने पर सीमित कर दी गई। टीओआई की खबर के मुताबिक महिला की संदिग्ध स्थिति में मौत हो गई थी, जिसके बाद मनुभाई ने उस महिला के परिवार व सास ससुर के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज कराया था। इस मामले की सुनवाई 1993 में इस मामले कीस सुनवाई शुरू हुई और 8 साल बाद कोर्ट ने फैसला सुनाया कि मनुभाई ने महिला के परिवार के खिलाफ झूठे सबूत पेश किये थे। मनुभाई ने भी इस गलती को माना, जिसके बाद कोर्ट ने उन्हें सजा सुनाई।
मनुभाई ने उस फैसले को गुजरात हाईकोर्ट में चुनौती, दी, जिसके बाद इसी साल दिसंबर में इस केस पर अपना फैसला सुनाया। कोर्ट ने उन्हें सजा के तौर पर मंदिर में दान देने को कहा। जी हां कोर्ट ने मनुभाई को इस सालों पुराने मामले में फैसला दिया कि वो मंदिर में 50 हजार रूपए दान दें। ऐसा करके वो जेल जाने से बच सकते हैं। मनुभाई ने फौरन उस शर्त को मान दिया और फौरन ही गुजरात के चर्चिच श्री चामुंडा माताजी मंदिर जाकर मंदिर के ट्रस्ट को 50 हजार रुपये दान दिए और उसकी रसीद कोर्ट को सौंप दी। यनी 50 हजार रुपए दान कर वो जेल जाने से बच गए।

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