मां बनने वाली महिला को कभी न बताये डिलिवरी की तारीख, वरना…  – Hindi
May 14, 2025     Select Language
Editor Choice Hindi KT Popular स्वास्थ्य

मां बनने वाली महिला को कभी न बताये डिलिवरी की तारीख, वरना… 

[kodex_post_like_buttons]

कोलकाता टाइम्स :

कुछ रिसर्चरों का ये भी मानना है कि मां बनने वाली महिला को बच्चे की पैदाइश की सही तारीख नहीं बतानी चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि जैसे-जैसे डिलीवरी की तारीख नजदीक आती जाती है, मां की बेचैनी बढ़ती जाती है। जब तक बच्चा पैदा नहीं हो जाता वो बेचैनी के आलम में रहती है। लिहाजा सही तारीख और वक्त ना बताकर मां को इस तनाव से बचाया जा सकता है।

अगर नियत तारीख बीत जाने के बाद भी प्रसव पीड़ा का कोई संकेत नहीं मिलता, तो बहुत सी महिलाएं देसी नुस्खे अपनाना शुरू कर देती हैं।

अमेरिका में एक सर्वे के मुताबिक, पचास फीसदी महिलाएं तेज मसाले वाले खाने खाना शुरू कर देती हैं। माना जाता है कि तेज मसाले वाले खाने से लेबर पेन यानी बच्चों की पैदाइश के वक्त होने वाला दर्द जल्दी शुरू हो जाता है। हालांकि इस बात का कोई मेडिकल प्रमाण नहीं है। जो महिलाएं पहले से ही तेज मसाले खाती हैं, जरूरी नहीं ये तरकीब उनके लिए भी काम आए।

पेट में बच्चा जिस थैली में रहता है उसमें पानी भरा रहता है। आपने बहुत सी फिल्मों में देखा होगा कि गर्भवती महिला को अचानक दर्द होता है और तेजी से उसके शरीर से पानी का रिसाव शुरू हो जाता है।

असल में ऐसा नहीं होता है। पानी की थैली फटने से पहले हल्का हल्का दर्द शुरू होता है। धीरे-धीरे ये दर्द बढ़ना शुरू होता है। जब बच्चा बिल्कुल बाहर आने वाला होता है तब ये थैली फटती है। बहुत मर्तबा तो थैली फटती ही नहीं है। डॉक्टर ही उसे फाड़कर बच्चा बाहर निकालते हैं। कई अगर थैली फट जाती है, तो डिलीवरी जल्दी हो जाती है।

एक स्टडी में पाया गया है कि जिन महिलाओं की पानी की थैली फट जाती है उन्हें चौबीस घंटे के भीतर ही प्रसव पीड़ा शुरू हो जाती है। ये भी संभव है कि पानी एक साथ बाहर ना निकलकर धीरे धीरे रिसता रहे। लेकिन गर्भाशय से पानी का रिसाव होने के साथ ही संकेत मिल जाता है कि अब बस कुछ ही देर में नन्हा मेहमान दुनिया में आने वाला है।

Related Posts