November 27, 2024     Select Language
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आ रहा है ‘छोटी माता’ का समय, जाने असरदार घरेलू उपाय

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कोलकाता टाइम्स : 

मतौर पर यह गंभीर बीमारी नहीं है, लेकिन लापरवाही बरतने पर इसके लक्षण घातक हो सकते हैं। ज्यादा दिनों तक बीमार रहने पर भी यह इंफेक्शन हो सकता है। पूरे शरीर में दिखने वाले खुजली रहित लाल फफोले इस रोग की विशेषता हैं। यह इतना सामान्य होता है कि कई जगह इसे बचपन का संस्कार माना जाता है। चिकनपॉक्स एक संक्रामक रोग है इसलिए यह एक व्यक्ति से दूसरे को हो सकता है। आमतौर पर चिकन पॉक्स लोगों को दो बार से ज्यादा नहीं होता है। वेरिसेला जोस्टर वायरस उन लोगों के लिए अत्यधिक संक्रामक है, जिन्हें कभी चिकन पॉक्स नहीं हुआ है या जिन्होंने इससे बचने का टीका न लगवाया हो।

घरेलू उपाय

एलोवेरा : यह उपाय प्राकृतिक है। ऐलोवेरा जेल चिकन पॉक्स से संक्रमित हुई त्वचा को ठंडक और आराम देने का काम करता है। इसमें मौजूद एंटीइंफ्लेमेट्री गुण त्वचा को मॉइश्चराइज कर, होने वाली खुजली को कम करता है। एलोवेरा पत्‍ती से जेल को निकालकर, इस ताजा जेल को चकत्तों की जगह पर लगाएं। ऐसा करने से आपको चिकन पॉक्स में होने वाली खुजली से आराम मिलेगा।

नीम : नीम की पत्तियां एंटीवायरल और एंटी बैक्टीरियल गुणों से समृद्ध होती हैं। चिकन पॉक्स में खुजली और रैशेज के लिए नीम का उपाय रामबाण माना जाता है। नीम की पत्तियों का पेस्ट फफोलों को जल्द सुखाने का काम करता है। चिकन पॉक्स में आप नीम की पत्तियों को अपने बिस्‍तर पर भी डाल सकते हैं। इसके अलावा नीम की पत्तियों को पीसकर पेस्ट बनाएं और इस पेस्ट को चकत्ते वाली त्वचा पर लगाएं। आप नीम की पत्तियों को पानी में उबालकर नहा भी सकते हैं। ऐसा करने पर राहत मिलेगी।

बेकिंग सोडा बाथ : गर्म पानी में बेकिंग सोडा डालकर नहाने व बाथ लेने से चिकन पॉक्स मे आराम मिलता है। इसमें मौजूद एंटीफंगल और एंटी बैक्टीरियल गुण चकत्तों और खुजली को कम करने का काम करते हैं और इससे संक्रमण फैलता नहीं है। ऐसा करने से आप काफी फ्रेश महसूस करेंगे।

अदरक : अदरक पाउडर को आप नहाने के पानी में इस्‍तेमाल करें। अदरक एंटीइंफ्लेमेट्री और एंटी बैक्टीरियल गुणों से समृद्ध होता है। अदरक का यह उपाय चिकन पॉक्स के छाले और चकत्तों को ठीक करने में आपकी मदद करेगा।

नमक : नमक एंटी माइक्रोबियल गुणों से भरपूर होता है, जो कीटाणुओं से लड़ने का काम करता है और इसका एंटीइंफ्लेमेट्री गुण खुजली-चकत्तों को कम करने का काम करता है। नमक को आप नहाने के पानी में इस्‍तेमाल करें। यह एक सुरक्षित उपाय है, जिसे चिकन पॉक्स के दौरान अपनाया जा सकता है।

हर्बल टी : हर्बल टी बैग को कुछ मिनटों के लिए गर्म पानी में डुबो कर रखें, इसमें एक चम्मच शहद मिलाएं। अब इस चाय को पिएं। हर्बल चाय गैस्ट्रोइंटेस्टिनल सिस्टम को ठीक करती है और रोग प्रतिरक्षा प्रणाली को बेहतर करती है। इनमें मौजूद एंटीइंफ्लेमेट्री और एंटीऑक्सीडेंट गुण चिकन पॉक्स से उभरने में सहायता करते हैं।

शहद : खुजली व चकत्तों वाली जगह पर शहद लगाएं। 20 मिनट बाद साफ पानी से त्वचा पर लगा शहद धीरे से साफ कर लें। ऐसा करने से त्वचा को आराम मिलेगा। शहद न सिर्फ चकत्तों को कम करेगा, बल्कि निशान मिटाने में मदद करेगा। शहद में एंटी बैक्टीरियल गुण होते हैं।गेंदे के फूल और विच हेजल की पत्तियां को रातभर पानी में भिगोएं और फिर उसका पेस्‍ट बना लें और चकत्‍तों पर लगाएं। ऐसा करने से आपको चिकन पॉक्स में फायदा मिलेगा क्‍योंकि गेंदे के फूल में मॉइश्चराइजिंग और विच हेजल में एंटीसेप्टिक गुण होता है।हैं।

गेंदे का फूल : गेंदे के फूल और विच हेजल की पत्तियां को रातभर पानी में भिगोएं और फिर उसका पेस्‍ट बना लें और चकत्‍तों पर लगाएं। ऐसा करने से आपको चिकन पॉक्स में फायदा मिलेगा क्‍योंकि गेंदे के फूल में मॉइश्चराइजिंग और विच हेजल में एंटीसेप्टिक गुण होता है।

विटामिन-ई कैप्सूल : इसके अंदर मौजूद तेल को चिकन पॉक्स के निशान पर लगाएं। विटामिन-ई तेल त्वचा को हाइड्रेट करता है। यह त्‍वचा से रैशेज को ठीक करने का काम करता है। चिकन पॉक्स का इलाज करने के लिए आप विटामिन-ई कैप्सूल का इस्तेमाल कर सकते हैं।

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