हनुमान जी लेटे हुए रातभर देते हैं सबको दर्शन
मंदिर का इतिहास : लंका पर विजय प्राप्त करने के बाद भगवान राम संगम स्नान करने आए थे। तभी उनके प्रिय भक्त हनुमान शारीरिक कष्ट से पीड़ित होकर यहां गिर पड़े थे। तब माता जानकी ने अपने सिंदूर से उन्हें नया जीवन देते हुए हमेशा आरोग्य और चिरायु रहने का आशीर्वाद दिया था। तभी से यहां मंदिर में हनुमान जी को सिंदूर चढ़ाने की भी परंपरा है।
मंदिर की बनावट : इस मंदिर का निर्माण सन् 1787 में हुआ था। मंदिर के अंदर 20 फुट हनुमान जी की लेटी हुई मूर्ति है। इस मूर्ति के पास ही श्री राम और लक्ष्मण जी की भी मूर्तियां हैं। इलाहाबाद के बीचों-बीच बना ये मंदिर श्रद्धालुओं के लिए रातभर खुला रहता है। मंदिर में आए भक्तों की हर एक मनोकामना पूरी करते हैं हनुमान जी। लेटे हुए हनुमान जी को बड़े हनुमान के नाम से भी जाना जाता है।
मंदिर के अलावा आसपास घूमने वाली जगहें
इलाहाबाद फोर्ट : सन् 1583 में अकबर ने इस किले को बनाया गया था। जो उसके द्वारा बनाया गया सबसे बड़ा किला है। गंगा और यमुना के संगम पर स्थित ये किला अपने खास आर्किटेक्चर के लिए मशहूर है।
खुसरो बाग : इसके आलावा यहां पर खुसरो बाग भी घूम सकते हैं। इस बड़े से बगीचे में खुसरो, सम्राट जहांगीर और शाह बेगम के बेटे 3 लोगों के मकबरे हैं।
हवाई मार्ग : दिल्ली से इलाहाबाद के लिए रोजाना फ्लाइट्स अवेलेबल हैं। इसके अलावा आप लखनऊ (200 किमी) और वाराणसी (120 किमी) के लिए लिए भी फ्लाइट लेकर यहां तक पहुंच सकते हैं।
सड़क मार्ग : दिल्ली, आगरा, कानपुर, वाराणसी, पटना और कोलकाता जैसे सभी शहरों से इलाहाबाद कनेक्ट है। यहां तक के लिए एसी और नॉन एसी हर तरह की बसें भी अवेलेबल हैं।
रेल मार्ग : इलाहाबाद लगभग सभी बड़े शहरों से कनेक्ट हैं। इलाहाबाद के लिए रोजाना कई सारे ट्रेनें अवेलेबल हैं।