यहां दूल्हों की उठती है डोली, रहने आते हैं पत्नी के घर
कोलकाता टाइम्स
दुल्हनों की ही डोली उठने की रश्म होती है। लगभग पूरी दुनिया में पति के घर पत्नी ही रहने आती है। है ना ! लेकिन अगर आपसे सहा जाये एक जगह ऐसी भी है जहाँ दूल्हों की डोली उठती है। सिर्फ एहि नहीं शादी के बाद पति अपना घर-द्वार छोड़ पत्नी के मायके आकर बस्ता है। तो हो गयी न अपनी बिल्टी बंद। जी हाँ यह बिलकुल सच है। मेघालय ऐसा राज्य हैं जहां पर दुल्हन की नहीं बल्कि दूल्हे की विदाई होती है। बता दें कि मेघालय की तीनों जनजातियों- गारो, खासी एवं जयंतियां में विवाह के पश्चात दुल्हन की जगह दूल्हे की विदाई होती है। रिवाज के अनुसार लड़का विवाह के पश्चात लड़की के घर जाकर रहता है. यहां के लोग कहते है कि ये प्रथा पूर्वजों के समय से निभाई जा रही हैं।
खासी समुदाय में यदि किसी घर में पुत्री जन्म लेती है तो काफी धूमधाम से खुशियां मनाई जाती है. यहां लड़की के नाम पर ही वंश चलता है। इस समुदाय में माता-पिता की जायदाद पर पहला हक बेटी का होता है। रिवाज के मुताबिक, परिवार की सबसे छोटी पुत्री को सम्पति मिलती है। हालांकि यदि वो चाहे तो वो अपनी इच्छा से जायदाद में अपने भाइयों को भी भाग दे सकती हैं।
इसके साथ ही छोटी बेटी पर ही अपने माता-पिता की देखभाल करने की जिम्मेदारी होती है। यहां पर लड़कियां अपनी पसंद से कार्य कर सकती हैं। यही नहीं वो रात में भी आराम से कहीं भी घूम सकती हैं।