कोलकाता टाइम्स :
ओडिशा में ‘फानी’ तूफान ने जोरदार दस्तक दी। चक्रवात ‘फानी’ ओडिशा तट से टकरा गया है। मौसम विभाग के मुताबिक, ओडिशा के पुरी समेत कई इलाकों में 200 किलोमीटर/घंटे की रफ्तार से हवाएं चल रही हैं। इसका असर रहा की दोपहर तक तूफान की चपेट में सैंकड़ों घर टूटे साथ 6 लोगों की जान गयी। मौसम विभाग के मुताबिक, ओडिशा के बाद यह बंगाल से होता हुआ बांग्लादेश की तरफ बढ़ेगा। ऐसे में पश्चिम बंगाल के तटवर्ती इलाकों में भी चेतावनी जारी कर दी गई है। ओडिशा में एहतियात के तौर पर 15 जिलों से 11 लाख लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचा दिया गया है।
जानकारी के अनुसार यह 20 साल में ओडिशा से टकराने वाला सबसे खतरनाक तूफान है। एनडीआरएफ की 28, ओडिशा डिजास्टर मैनेजमेंट रैपिड ऐक्शन फोर्स की 20 यूनिट और फायर सेफ्टी डिपार्टमेंट के 525 लोग रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए तैयार हैं। इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग की 302 रैपिड रेस्पॉन्स फोर्स टीम तैनात की गई हैं। इमरजेंसी नंबर जारी कर दिए गए हैं। ओडिशा- 06742534177, गृह मंत्रालय- 1938, सिक्युरिटी- 182.
गृह मंत्रालय ने बताया कि पीएम मोदी ने फानी तूफान से निपटने की तैयारियों का जायजा लेने के लिए सीनियर अधिकारियों के साथ मीटिंग की। इंडियन मेट्रोलॉजिकल डिपार्टमेंट (IMD) के आधिकारी ने बताया कि 1999 के सुपर साइक्लोन के बाद यह पहली बार होगा, जब राज्य इतने भीषण तूफान का सामना करेगा। 1999 में आए सुपर साइक्लोन में 10 हजार लोगों की जान चली गई थी। उस तूफान की रफ्तार 270-300 किलोमीटर प्रति घंटा की थी। हालाँकि करीब 4-6 घंटे तक इसके बाद यह धीरे-धीरे कमजोर होगा।
तूफान दोपहर के 12.30 के आसपास पुरी पहुंची। यहां 4-5 रहने के बाद पश्चिम बंगाल का रुख करेगा। इसका असर आंध्रप्रदेश और तमिलनाडु के उत्तर-पूर्व इलाकों में भी दिखेगा। चक्रवात से ओडिशा के 14 जिले प्रभावित हुए। इसमें पुरी, जगतसिंहपुर, केंद्रपारा, बालासोर, भदरक, गंजम, खुर्दा, जाजपुर, नयागढ़, कटक, गाजापटी, मयूरभंज, ढेंकानाल और कियोंझार शामिल हैं।