November 5, 2024     Select Language
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सुना है ‘मॉंकिपॉक्स ‘ का नाम? जाने भयानक  इस रोग के लक्षण और इलाज के बारे में

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कोलकाता टाइम्स : 
सिंगापुर में मंकीपॉक्स (Monkeypox) का अब तक का पहला मामला सामने आया है। बताया जा रहा है कि एक नाइजीरियाई व्यक्ति इस बीमारी को लेकर आया जो एक शादी में बुशमीट खाकर इस दुर्लभ वायरस के संपर्क में आया।
लक्षण : मंकीपॉक्स के लक्षण फ्लू से मिलता-जुलता है। मनुष्यों में मिलने वाले लक्षणों में आघात, बुखार, मांसपेशियों में दर्द और ठंड लगना शामिल है। बुखार आने के बाद एक तीन दिन में लाल चकत्ते आ जाते हैं। इसकी शुरुआत चेहरे से होती है। बाद में ये पूरे शरीर पर आ जाते हैं। ये लाल चकत्ते बाद में घाव का रूप ले लेते हैं। इसके लक्षण दो से तीन सप्ताह तक रहते हैं।
कैसे फैलता है मंकी फीवर : जैसा कि नाम से जाह‍िर है कि मंकीपॉक्‍स, ये बीमारी बंदरों से इंसानों में तेजी से फैलता हैं। उनके मल में एक वायरस पाया जाता है जिसके संपर्क में आने से व्‍यक्ति इससे संक्रमित हो जाता है। ये एक संक्रामक बीमारी है। संक्रमित व्‍यक्ति को छूने या उसके किसी भी तरह संपर्क में आने या वस्‍तुओं को इस्‍तेमाल करने से ये बीमारी दूसरे व्‍यक्ति में फैल सकती है।

महामारी का रूप ले चुके मंकी फीवर का सबसे पहला मामला अफ्रीकी जंगलों में 1970 के दशक में देखने को मिला था। इसके बाद 2017 में नाइजीरिया में इस बीमारी के कैसेज सामने आए थे।
इलाज इस बुखार के लक्षण दो से तीन सप्‍ताह तक रहते हैं। इस बीमारी का कोई टीका नहीं होता है। लेकिन सही समय पर इसका इलाज नहीं करवाने पर यह बीमारी घातक हो सकती है। लंदन के डॉक्‍टर्स के अनुसार मंकीपॉक्‍स के ज्‍यादात्तर केस खुद ही ठीक हो गए हैं। क्‍योंकि इस बुखार का वायरस एक समय तक आपके शरीर में सक्रिय रहते हैं। जिसके बाद असर धीरे-धीरे कम हो जाता है। लेकिन इलाज लेना जरुरी होता है और लापरवाही से होने वाला संक्रमण स्‍वास्‍थय संबंधी जटिलताएं पैदा करता है।

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