जनता को दुनिया से बेखबर करने के लिए चीन ने वाशिंगटन पोस्ट और गार्जियन के लेखों को किया बैन
कोलकाता टाइम्स :
चीन ने अपने देश के इंटरनेट पर प्रदर्शित होने वाले वाशिंगटन पोस्ट और गार्जियन के लेखों पर प्रतिबंध लगा दिया है। हालांकि बीते हफ्ते तक ये साइट चीनी लोगों की पहुंच में थीं। इससे पहले चीन में ब्लूमबर्ग, न्यूयॉर्क टाइम्स, रायटर्स और द वॉलस्ट्रीट जनरल पर भी प्रतिबंध लगा चुका है।
चीन किसी भी तरह के राजनीतिक संकट से बचने के लिए ऐसे कदम उठा रहा है, जिससे उसके नागरिक ये ना जान सकें कि दुनिया उनके देश में चल रही गतिविधियों पर क्या सोचती है। हाल ही में 4 जून को तियानमेन नरसंहार की 30वीं वर्षगांठ मनाई गई थी। इस दौरान चीन ने इससे संबंधित कीवर्ड और तस्वीरें सोशल मीडिया साइट वी-चैट से डिलीट कर दीं। 30 साल पहले चीन में लोकतंत्र के समर्थन में हुए प्रदर्शन में बेगुनाह लोगों को मौत के घाट उतार दिया गया था। लेकिन चीन इसपर हमेशा चुप्पी साधे रहता है।
जहां एक ओर अमेरिका 1989 के आंदोलन को सहासी बताते हुए इसकी सराहना करता है, वहीं दूसरी ओर चीन की कम्युनिस्ट पार्टी चाहती है कि नरसंहार की वर्षगांठ महज अतीत का हिस्सा बनी रहे। लोग हर साल बीजिंग के तियानमेन चौक पर आते हैं। लेकिन इस दौरान यहां भारी सुरक्षा बल तैनात रहता है। इससे पहले चीन अन्य सोशल मीडिया साइट जैसे फेसबुक, यूट्यूब, ट्विटर और व्हाट्सएप पर भी प्रतिबंध लगा चुका है।