जान लीजिये, डेंगू के लिए बकरी के दूध बढ़कर कुछ नहीं
कोलकाता टाइम्स :
डेंगू से तो हर कोई वाकिफ है ये बहुत गंभीर बीमारी है जिससे बचने के लिए महंगे हॉस्पीटल और दवाइयों का सहारा ले रहे है। लेकिन इससे बचने का सस्ता और अच्छा विकल्प है बकरी का दूध। बकरी के दूध का प्रयोग करने से डेंगू से बचा जा सकता है आइए जाने कैसे बचा जा सकता डेंगू से
डेंगू के लक्षण
1. डेंगू एडीज मच्छर के काटने से होती है। क्या आप जानते है कि ये मच्छर दिन के समय काटते हैं और ये मच्छर साफ पानी में ही पनपते हैं।
2. डेंगू के रोगीयों को जोड़ों मे दर्द होता है और सिर में भी तेज दर्द होता है।
3. डेंगू बच्चों में अधिक तेज गति से फैलता है।
4. डेंगू बुखार में प्लेटलेट्स का स्तर तेजी से नीचे गिरता है।
बकरी के दूध से फायदा
डेंगू के लिए बकरी का दूध बहुत लाभकारी है। ये दूध न केवल डेंगू के लिए लाभकारी है बल्कि इसके और भी फायदे है। इसमे औषधीय गुण पाया जाता है जिसके कारण दूध से विशेष गंध भी आती है। डेंगू के लिए रामबाण उपाए है ये दूध। बकरियां जंगल में कवल औषधीय पौधों को ही खाती है इसलिए औषधीय की सुगंध दूध में आती है और इसमे औषधीय गुणों की मात्रा भी बहुत अधिक होती है। बकरी का दूध अन्य बीमारियों को भी दूर करता है जैसे की रक्त-पित्त, मधुर, ग्राही, कसैला, शीतल, खांसी, अतिसार, क्षय, हल्का और बुखार को दूर करता है। डेंगू बुखार के दौरान बकरी का दूध पीना बहुत फायदेमंद होता हैं।
बकरी के दूध में विटामिन बी 6, बी 12, सी एवं डी की मात्रा कम पाई जाती है। बकरी के दूध में जो प्रोटीन पाया जाता है वो गाय, भैंस की तरह जटिल नहीं होता। एक साल से छोटे बच्चों को बकरी का दूध नहीं पिलाना चाहिए, क्योंकि इससे उनको एलर्जी हो सकती है। गाय का दूध पचने में 8 घंटे लगते हैं जब्कि बकरी का दूध केवल 20 मिनट में ही पच जाता है।