November 23, 2024     Select Language
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इन कामों से रहें दूर वरना सीधे नर्क में

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कोलकाता टाइम्स : 

विष्य पुराण में माना गया है कि हर इंसान को उसके शरीर, मन व बातों से किए गए पापों को भोगना पड़ता है। उसमें भी कुछ काम ऐसे हैं जिन्हें बड़ा पाप माना गया है। आइए जानते हैं पांच ऐसे ही महापापों के बारे में जिन्हें करने वालों को नर्क में सबसे ज्यादा यातनाएं झेलनी पड़ती है।

कौन जाता है नर्क

ज्ञानी से ज्ञानी, आस्तिक से आस्तिक, नास्तिक से नास्तिक और बुद्धिमान से बुद्धिमान व्यक्ति को भी नरक का सामना करना पड़ सकता है, क्योंकि ज्ञान, विचार आदि से तय नहीं होता है कि आप अच्छे हैं या बुरे।

आपकी अच्छाई आपके नैतिक बल में छिपी होती है। आपकी अच्छाई यम और नियम का पालन करने में निहित है। अच्छे लोगों में ही होश का स्तर बढ़ता है और वे देवताओं की नजर में श्रेष्ठ बन जाते हैं। लाखों लोगों के सामने अच्छे होने से भी अच्छा है स्वयं के सामने अच्छा बनना।

धर्म, देवता और पितरों का अपमान करने वाले, पापी, मूर्छित और अधोगामी गति के व्यक्ति नरकों में जाते हैं। पापी आत्मा जीते जी तो नरक झेलती ही है, मरने के बाद भी उसके पाप अनुसार उसे अलग-अलग नरक में कुछ काल तक रहना पड़ता है।

निरंतर क्रोध में रहना, कलह करना, सदा दूसरों को धोखा देने का सोचते रहना, शराब पीना, मांस भक्षण करना, दूसरों की स्वतंत्रता का हनन करना और पाप करने के बारे में सोचते रहने से व्यक्ति का चित्त खराब होकर नीचे के लोक में गति करने लगता है और मरने के बाद वह स्वत: ही नरक में गिर जाता है। वहां उसका सामना यम से होता है।

बुरी नजर

किसी पराई स्त्री पर बुरी नजर रखना या उसके साथ संभोग करना सबसे बड़ा पाप माना गया है। इसके साथ ही गुरुशैय्या पर दुष्कर्म करना बहुत बड़ा पाप होता है। ऐसे इंसान को नर्क में उसके बुरे कर्मों की भयंकर सजा मिलती है।

अनीति का पैसा

किसी को ठग कर, गलत काम कर या किसी के हिस्से की चीज चुराकर पैसे इकट्ठे करने वाले को नर्क में सजा मिलती है और पैसे को दान ना करने वाले भी उतने की पापी माने जाते हैं।

जानवरों पर अत्याचार

जानवरों पर अत्याचार करने वाले, उनकी हत्या करने वाले और नौकरों से बुरा व्यवहार करने वालों को नर्क में सजा भोगनी पड़ती है।

गुरु मनुष्य को अच्छे-बुरे का ज्ञान देता है। गुरु को पिता के समान और गुरुपत्नी को माता के समान मानना चाहिए। गुरुपत्नी के साथ संबंध रखने वाले या गुरुपत्नी को बुरी नजर से देखने वाले मनुष्य को ब्रह्म हत्या से भी बड़ा पाप लगता है।

गुरुपत्नी के साथ समागम करने वाले मनुष्य के पापों का प्रायश्चित किसी भी तरह संभव नहीं होता है। ऐसे मनुष्य को जयंती नामक नरक में उनके पापों की सजा मिलती है।

अगर कोई मनुष्य जान कर या भूल से किसी की हत्या कर देता है, तो यह कर्म महापाप माना जाता है। ऐसा कर्म करने वाले मनुष्य को जीवन भर दुखों का सामना करना पड़ता है। सिर्फ हत्या करने वाला ही नहीं बल्कि ऐसे काम में साथ देने वाले मनुष्य को भी कुंभीपाक नाम के नरक की यातना सहनी पड़ती है। इसलिए मनुष्य को भूलकर भी हत्या जैसे बुरे कर्म में भाग नहीं लेना चाहिए।

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