मानसून अपने साथ लाता है HEPATITIS-ई और ए, ऐसे करे बचाव
कोलकाता टाइम्स :
मानसून में बुखार, सर्दी, खांसी और मौसमी संक्रमण की समस्या बहुत आम होती है। इन मौसमी संक्रमण की जद में कोई भी आ सकता है। लेकिन एक और बड़ी बीमारी है जिसकी इस मौसम में होने का खतरा ज्यादा रहता है। लोगों को इस मौसम में हेपेटाइटिस-ई और ए जैसे गंभीर संक्रमण का खतरा भी हो सकता है।
लक्षण : हेपेटाइटिस-ई व ए के लक्षण आसानी से दिखाई नहीं देते है। वायरस के संपर्क में आने के 2 से 7 सप्ताह के बाद ही कोई लक्षण दिखाई देता है। लक्षण आमतौर पर बाद के 2 महीनों में दिखाई देते हैं। * मतली और उल्टी * अत्यधिक थकान * पेट में दर्द होना * लिवर का बढ़ना * भूख में कमी * जोड़ों का दर्द * बुखार * त्वचा और आंखों का पीला पड़ना जनवरी 2015 से जून 2018 हुए शोध के मुताबिक, 10 लाख नमूनों में पानी से फैलने वाला हेपेटाइटिस ई वायरस के मामले देश में सबसे आम प्रकार हैं। गेस्ट्रोइंट्रॉलजिस्ट के मुताबिक, दूषित भोजन व पानी पीने से हेपेटाइटिस-ई और ए होने की आशंका बढ़ जाती है, बारिश के मौसम में स्ट्रीट फूड खाने बचें और पानी उबालकर ही पिएं।
सफाई पर ध्यान: संक्रमण से बचने के उपाय स्वच्छता पर दें ध्यान घर हो, बाहर हो या निजी स्तर पर, सब जब सफाई पर ध्यान रखना चाहिए। इन सब आदतों से आप इस संक्रमण से बच सकते हैं। स्वच्छ आदतों को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। शौच के बाद, भोजन तैयार करने और खाना खाने से पहले हैंड वाश अवश्य करें।
साफ सुथरा भोजन करें : साफ-सुथरा भोजन करें गंदे भोजन और सब्जियां खाने से बचें, बिना पके फलों या सब्जियों के सलाद और जूस बनाते समय सावधानी बरतनी चाहिए। स्ट्रीट वेंडर्स से खाना खरीदने से बचें और पहले से कटे हुए या जिन्हें गंदे पानी में धोया गया हो वैसे फलों को कभी नहीं खाना चाहिए।
स्वच्छ पानी पीएं: बारिश के मौसम में जल जनित रोग होने की ज्यादा सम्भावना रहती है। इसलिए हमेशा शुद्ध या उबल हुआ पानी पीना चाहिए। पानी उबालने से इसमें मौजूद सारे बेक्टीरिया मर जाते हैं, गंदगी दूर हो जाती है। इस मौसम में शराब पीने से बचें। यह लिवर की समस्याओं को गंभीर कर सकती हैं। डिहाइड्रेशन से बचने के लिए खूब सारे पानी का सेवन करें। बारिश में मौसमी फलों का रस और सूप पर ज्यादा ध्यान दें।
खुले में शौच : खुले में शौच कभी न करें क्योंकि इससे जल का स्त्रोत प्रभावित होता है। स्वच्छता की आदत अपनाकर आप हेपेटाइटिस से बच सकते हैं। इससे फेकल-ओरल मार्ग से फैलने वाली बीमारियों से बचाव में भी मदद मिलेगी। शौच के बाद अपने हाथ एंटी बैक्टीरियल साबुन से जरुर धोएं।