ऐसे खतरनाक पूजाएं कर लोगों को वश में करते हैं तांत्रिक
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कोलकाता टाइम्स :
जब-जब किसी ओझा, बाबा, या तांत्रिक की पोल खुलती है और पुलिस उनके ठिकाने पर छापा मारती है, तो नर कंकाल, हड्डियां, अलग-अलग प्रकार की भभूत, धारदार चाकू, कुल्हाड़ी, गुड़िया, पुतले, आदि की बरामदकी आम होती है। आखिर इन ठिकानों पर अजीब-ओ-गरीब वस्तुएं मिलने का कारण क्या है? जी हां आप सही सोच रहे हैं- इनका कारण इनकी खतरनाक पूजाएं हैं, जो तांत्रिक करते हैं।
हम आपको उन्हीं पूजाओं से अवगत कराने जा रहे हैं। और साथ में बतायेंगे कि कैसे ये लोग तंत्र-मंत्र से लोगों को अपने वश में करते हैं और फिर उनकी जिंदगी से तब तक खेलते रहते हैं, जबतक उनका पैसा चूस नहीं लेते।
फैलाकर लोगों का गुमराह करने वाले ओझाओं और बाबाओं के शिकार सबसे ज्यादा गांव व छोटे कस्बों के लोग होते हैं। असल में वहीं पर इनकी दुकान चल भी पाती है, हालांकि शहरों में भी इनकी संख्या कम नहीं है।
लोगों को कैसे करते हैं अपने वश में?
यह बताने के लिये हम आपके सामने बाराबंकी के मंगल सिंह की कहानी रख रहे हैं। मंगल की 16 साल की बेटी बीमार हुई तो वो उसे फैजाबाद में एक तांत्रिक के पास ले गया। तांत्रिक ने लड़की को देखते ही कहा कि इसके ऊपर भूत का साया है। तांत्रिक ने लड़की को सामने बिठाया तो कुछ ही मिनटों में लड़की तांत्रिक को घूरने लगी और फिर बाल खोलकर हूं-हूं-हूं करने लगी।
देखते ही तांत्रिक ने कहा कि इस लड़की पर आत्मा का साया है। इसका इलाज बहुत जरूरी है, बड़ा खर्च आयेगा। मंगल सिंह एक मध्यम वर्गीय परिवार का है, उसने अपनी बेटी के इलाज के लिये सबकुछ दांव पर लगा दिया। लेकिन लड़की ठीक नहीं हुई, क्योंकि पहले ही दिन तांत्रिक ने उसे हिप्नोटाइज कर दिया था।
क्या चाहते हैं तांत्रिक
ये तांत्रिक मानसिक रोगियों की तलाश में रहते हैं। ये जानते हैं कि देश में मानसिक रोगों के अस्पतालों की कमी है, लिहाजा उनकी दुकान सबसे ज्यादा यहीं पर चलेगी। तांत्रिक उन लोगों की तलाश में रहते हैं, जो पैसे से परेशान हैं, जिनके संतान नहीं पैदा हो रही, जिनकी शादी नहीं हो रही, जिनका बिजनेस नहीं चल रहा, आदि।
महिलाएं जिन्हें अपने पति को वश में करना है, ऐसी महिलाएं जिन्हें पैतृक धन का लालच होता है, ऐसे पुरुष जिन्हें जमीन-जायदाद का लालच होता है, इनके चक्कर में जल्दी पड़ते हैं।
इनका उद्देशय होता है कि आप इन्हें पूजते रहें, इनका सम्मान करें और दान दक्षिणा देते रहें। जिस दिन आपने देना बंद कर दिया, ये आपसे खुन्नस रख लेते हैं। ये लोग हनुमान, भेरू और काली के आराधक होते हैं और श्मशान क्रिया को जानते हैं। ये सात्विक और तामसिक पूजा करते हैं। कई मलोग मजारों पर भी तंत्र-मंत्र करते हैं।
हम इस लेख के माध्यम से यह कतई नहीं कह रहे हैं कि पूजाएं करना गलत है, हम सिर्फ इतना कहने जा रहे हैं कि देश में तमाम ढोंगी तांत्रिक इन पूजाओं का नाजायज़ फायदा उठा कर जुर्म को अंजाम दे रहे हैं।
वशीकरण की पूजा
ज्यादातर तांत्रिक होली के पहले उन लोगों को चंगुल में फंसाते हैं, जिन्हें किसी को वश में करना होता है। होली की रात ये लोग वशीकरण की विशेष पूजा करते हैं।
जानवर की बलि देना
किसी भी जानवर की बलि देना तांत्रिकों के लिये आम बात होती है। ये बकरे या भेड़ की बलि देते हैं और फिर प्रसाद के रूप में खुद पकाकर दावतें उड़ाते हैं। यही कारण है कि सरकार ने बलि पर पूर्णत: प्रतिबंध लगा रखा है। फिर भी चोराी छिपे ये इंसानों या जानवरों की बलि चढ़ा ही देते हैं।
डायन साधना
तांत्रिक अपने पास आने वाली महिलाओं को अकसर डायन साधना करने को कहते हैं। इसमें महिला श्मशान में कंकाल व हड्डियों के बीच में पूर्ण रूप से नग्न अवस्था में रात भर नाचती हैं। यह पूजा होली या फिर दीवाली की रात की जाती है। अक्सर होलिका दहन के वक्त डायन साधना करने वाली महिलाएं जलती हुई लकड़ियों के चारों ओर नग्न होकर नाचने लगती है
काम साधना
तांत्रिक महिलाओं को अपने वश में करने के बाद उनसे कहते हैं कि अगर वे काम साधना में भाग लेंगी तो उनका परिवार खुशियों से भर जायेगा, पति का कारोबार अच्छा चलने लगेगा, आदि। तमाम महिलाएं भावनाओं में बहकर काम साधना के लिये तैयार हो जाती हैं। इस साधना में महिला को नग्र अवस्था में कई रातों तक साधना करनी होती है। ऐसे में मौके का फायदा उठाकर तांत्रिक महिलाओं का यौन उत्पीड़न करने की फिराक में रहते हैं।
वीर साधना
वीर साधना में एक बंद कमरे में कई दिन, कई रातों तक महाकाली की पूजा करनी होती है। कहा जाता है कि पूजा के दौरान एक ऐसा क्षण आता है, जब काली के दूत सामने आते हैं और वह सबसे भयावह क्षण होता है। उस वक्त अगर डर गये, तो मौत तक हो जाती है। तांत्रिकों के ठिकानों पर यह बेहद भयावह पूजा मानी जाती है।
काली पूजा
ऐसी पूजा आधी रात को होती है, इसमें मां काली की उपासना की जाती है और उनको खुश करने के लिए बकरे की बली दी जाती है। कहा जाता है कि इस पूजा में पंडित और भक्त के अलावा किसी को होना नहीं चाहिए और ना ही किसी को देखना नहीं चाहिए वरना पूजा खंडित हो जाती है। ऐसी पूजाओं की आढ़ में ढोंगी तांत्रिक अपनी प्यास बुझाने की फिराक में रहते हैं।
काला जादू
देश के अलग-अलग कोने में तांत्र मंत्र के माध्यम से लौंग, भभूत, चावल, आदि की विशेष पूजा करने के बाद, उसे ऐसे व्यक्ति के घर में रख दिया जाता है, जिसका आप बुरा चाहते हैं। यूपी, बिहार और बंगाल में ऐसे जादू-टोना बहुत ज्यादा होते हैं।
भैरों पूजा
जिन महिलाओं को संतान नहीं होती है, तांत्रिक उन्हें भैरों पूजा करने की सलाह देते हैं। इसमें महिला को निर्वस्त्र होकर अपने शरीर पर भभूत और झाड़ू लपेट कर रात भर पूजा करनी होती है। यहां भी अपराध की गुंजाइश ज्यादा रहती है।
नरण पूजा
पुत्र प्राप्ति के लिये की जाने वाली इस पूजा में महिला को तीन दिन तक भूखा रखकर मां काली और मां लक्ष्मी की पूजा होती है। संतान प्राप्ति के लिये होती है। यह पूजा बेहद कठिन होती है और पूजा के दौरान होने वाली भयावह क्रियाओं से अगर महिला डर गई, तो उसकी मौत भी हो सकती है।
गुड़िया को बांधना
तांत्रिक टोना-टोटका करने के लिये गुड़िया का इस्तेमाल करते हैं। जिसके ऊपर जादू-टोना करना होता है, उसके नाम की गुड़िया लेते हैं, फिर उसे चोट पहुंचाते हैं, पैर बांध देते हैं, आथ बांध देते हैं, जिससे वह व्यक्ति परेशान रहने लगता है।
जीभ काट कर चढ़ाना
तांत्रिक कई बार भक्तों से मां काली के पैरों पर अपनी जीभ चढ़ाने को कहते हैं। ऐसा करने से जीभ तो वापस नहीं आती है, लेकिन तांत्रिकों को सिद्धी जरूर प्राप्त हो जाती है। तांत्रिकों के खेमे में एक मान्यता यह है कि जितनी ज्यादा जीभी चढ़वायेंगे, जितने ज्यादा पशुओं की बलि दिलायेंगे, उतनी ज्यादा उनकी तांत्रिक विद्या प्रखर होगी।
शव पर बैठकर साधना
यह पूजा अघोरी लोग ज्यादा करते हैं, लेकिन हरियाणा और पश्चिम उत्तर प्रदेश के कई इलाकों में तांत्रिक शवों पर बैठकर पूजा करते हैं। उनका मानना है कि ऐसा करने से उन्हें दिव्य शक्ति प्राप्त होती है।