घुटनों को बचाना है तो दौड़ते रहिये, वरना …
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कोलकाता टाइम्स :
कई लोगों को इस बात का डर होता है, कि दौड़ना उनके घुटनों के लिए नुकसानदायक हो सकता है, लेकिन हाल ही में हुए एक शोध में यह बात सामने आई है कि आपकी सक्रियता घुटनों के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है। यह आपके घुटनों के भीतर जीवरसायनिक वातावरण को कुछ इस तरह तैयार करने में मददगार होता है, कि घुटनें सहजता से कार्य कर सकें।
ब्रिघम यंग विश्वविद्यालय में हुए शोध के प्रमुख लेखक राबर्ट हाल्डॉल के अनुसार युवा एवं स्वस्थ लोगों में व्यायाम, एक गैर-सूजन वाला वातावरण पैदा करता है जो लंबे समय तक जोड़ों के लिए फायदेमंद होता है।
लंबी दूरी की दौड़ को अपने जीवन में शामिल कर रहे लोगों पर किए जाने वाले इस अध्ययन के अनुसार, यह कहना गलत होगा कि दौड़ने से घुटनों की समस्याएं बढ़ती हैं या दौड़ने वाले लोग आगे चलकर आर्थराइटिस का शिकार होते हैं। इस अध्ययन के अनुसार सामान्यत: समान दौड़ने वाले लोगों में ऑस्टियो आर्थराइटिस जैसी समस्याएं कम देखने को मिलीं, बजाए उन लोगों के, जो समान उम्र के हैं और जिन्होंने दौड़ को अपने जीवन का हिस्सा नहीं बनाया है।
कुछ वैज्ञानकों का अंदाजा यह भी है कि दौड़ना, घुटनों के लिए एक सुरक्षा कवच की तरह कार्य कर सकता है। इसे इस तरह से भी देखा जा सकता है कि दौड़ने से वजन कम होता है और कम वजन घुटनों में आर्थराइटिस से बचाने में बेहद मददगार होता है।
कुछ अध्ययन में शोधकर्ताओं द्वारा महिलाओं एवं पुरुषों के घुटनों के जोड़ों में उपस्थित द्रव का अलग-अलग विश्लेषण भी किया। दौड़ने के पहले और बाद में किए गए इस विश्लेषण के अनुसार, इस सिनोवियल द्रव से निकाले गए विशेष चिन्हक दो साइटोकाइंस जीएम-सीएसएफ और आईएल 15 की मात्रा दौड़ने के बाद कम पाई गई। इस अध्ययन के परिणामों के अनुसार व्यायाम से जोड़ों में तकलीफ पैदा करने वाली बीमारियों की शुरुआत काफी देर से होती है और दौड़ को अपने जीवन में शामिल करने पर घुटनों एवं जोड़ों को लंबे समय तक स्वस्थ बनाए रखा जा सकता है।