यहाँ चप्पल-जूतों की चढ़ावां से खुश होती है देवी
कोलकाता टाइम्स :
जी हाँ ऐसा कभी सुना तो नहीं होगा आपने। क्योंकि अक्सर माताजी को नारियल चुनरी चढाई जाती है नाकि चप्पल या सेंडल। लेकिन यह एक ऐसा मंदिर भी है जहां लोग माता दुर्गा को चप्पल और सैंडिल चढ़ाते हैं।
हम बताते है की आखिर क्यों इस मंदिर में लोग चढ़ाते हैं चप्पल और सैंडल – मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में जीजी बाई का मंदिर अपनी अनोखी परंपरा के लिए दुनियाभर में जाना जाता है। 18 साल पहले यहां मंदिर में मूर्ति स्थापना के साथ शिव-पार्वती विवाह कराया था। तब से यहां लोग देवी सिद्धदात्री को अपनी बेटी मानकर पूजा करते हैं और बेटी के हर लाढ़-चाव पूरे करते हैं। गर्मी के मौसम में इस मंदिर में लोग चप्पल के साथ-साथ चश्मा, टोपी और घड़ी भी चढ़ाते हैं। कई बार दिन में दो-तीन बार माता के कपड़े बदल दिए जाते हैं।
माना जाता है कि जब लोगों की मन्नतें इस मंदिर में आने से पूरी हो जाती है तो लोग यहा माता के लिए नई चप्पल और सैंडल भेट में चढ़ाते हैं। यही नहीं भक्त इन माता के लिए विदेशों से भी चप्पल भेजते हैं। बाद में भक्तों द्वारा चढ़ाई गई चप्पलों को लोगों में बांट दिया जाता है।