बर्थ कण्ट्रोल के वाली महिलाएं अपनाती थीं ऐसा तरीका, जान उड़ जाएंगे होश
कोलकाता टाइम्स :
बर्थ-कंट्रोल के लिए आजकल की महिलाएं दवाइयों का सहारा लेती हैं। लेकिन क्या कभी सोचा है कि पुराने जमाने में बच्चे की चाहत नहीं रखने वाली महिलाएं क्या उपाय करती थीं। जी हां आज हम आपको इसके बारे में बताने जा रहे हैं, जिसके बारे में जानकर यकीनन आपके होश उड़ जाएंगे। आइए जानते हैं पुराने जमाने में महिलाएं बर्थ-कंट्रोल के लिए कैसे- कैसे पैंतरों का इस्तेमाल करती थीं।
इस कड़ी में सबसे पहले स्थान पर है मगरमच्छ का मल। 1850 बीसी के मिस्र के कई दस्तावेज बताते हैं महिला योनि में शुक्राणुओं का प्रवेश रोकने के लिए योनि को मगरमच्छ के मल, हनी और सोडियम बाइकारबोनेट के कड़े घोल को भर दिया जाता था। मान्यता था कि इसमें शुक्राणुओं को के अंदर जाने और उसे बढ़ने से रोकने की ताकत है।
मध्यकाल में कुछ ऐसी मान्यता थी कि अगर महिला की जांघों पर वीजल नाम के जानवर का अंडाशय और एक हड्डी बांध दी जाए तो महिला गर्भवती नहीं होगी।
गर्भधारण रोकने के लिए सबसे खतरनाक उपायों में शामिल है लेड और मरकरी से बना घोल जिसे महिलाओं को पिलाया जाता था। इस घोल को चीन में इस्तेमाल किया गया। इस घोल में गर्भाशय क्या, किडनी से लेकर दिमाग तक खराब कर देने और जान ले लेने की शक्ति होती है।
ग्रीस में अजब-गजब तरीके से गर्भधारण रोकने के उपायों को अपनाया जाता था। सोनारस के मुताबिक दूसरी शताब्दी एडी में औरतों को उस पानी को पीने के लिए बोला जाता था जिसमें लोहार अपने औजार ठंडे करते थे।