इंदिरा गाँधी ने 20 रूपए के नॉट को यूँ रंग दिया शादी के कार्ड के गुलाबी रंग में
कोलकाता टाइम्स :
बीस रुपए का नोट हमेशा गुलाबी ही होता है क्या आप जानते है की आखिर ऐसा क्यों? भारत की टकसालो में छपने वाले हर गुणांक के नोट अलग रंग के होते है। जैसे 5 रुपए का नोट हरा होता है। 10 रुपए का नोट लाल, और 20 रुपए का नोट गुलाबी। ऐसे में हम आपको बताने जा रहे है की आखिर क्यों 20 रुपए के नोट के लिए गुलाबी कलर ही चुना गया।
लेकिन इसके पहले हम आपको बता दे की यह रंगीन करंसी सिर्फ भारत में ही नही बल्कि दुनिया के कई अन्य देशो में भी होती है। इसके जरिए ही नोटों को पहचाना जाता है। दरअसल मुम्बई में रहने वाले दिलीप कांवरे ने यह कहानी बयान की है। जिस समय भारत की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी थी उस वक्त उन्होंने आला अधिकारियो और टकसालो के मुखिया के साथ एक बैठक की थी जिसमे 20 रुपए के नोट को बाजार में लाने की प्लानिंग की गयी थी।
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्या सचिब पी डी कासबेकर इस फैसले के गवाह है की बैठक में 20 रुपए के नोट को गुलाबी मिश्रण में डालने का चयन किया गया था। बैठक में कई लोगो ने अलग अलग कलर बताए थे। वहीँ बैठक के दौरान प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी लगातार कासबेकर की जेब में रखे रंगीन लिफाफे को देख रही थी और कुछ देर बाद उन्होंने कासबेकर से वो लिफाफा मांग ही लिया। और यह कहा की मुझे इसका रंग और डिजाइन पसंद है हम 20 रुपए का नोट ऐसा ही बनवाएंगे। इस तरह मीटिंग खत्म हुई और फैसला लिया गया की 20 रुपए का नोट गुलाबी बनेगा। दरअसल वह कासबेकर की जेब में रखा हुआ कार्ड शादी के निमंत्रण का कार्ड था। और उसमे भगवा और लाल रंग का मिश्रण भी था।