अँतड़ियों में छेद कर देता है पैकेट में बंद ज्यूस, बाकि नुकसान भी तो जानिए
बंद पैकेट का रस भूलकर भी उपयोग में न लें। उसमें बेन्जोइक एसिड होता है। यह एसिड तनिक भी कोमल चमड़ी का स्पर्श करे तो फफोले पड़ जाते हैं। उसमें उपयोग में लाया जानेवाला सोडियम बेन्जोइक नामक रसायन यदि कुत्ता भी दो ग्राम के लगभग खा ले तो तत्काल मृत्यु को प्राप्त हो जाता है। उपरोक्त रसायन फलों के रस, कन्फेक्शनरी, अमरूद, जेली, अचार आदि में प्रयुक्त होते हैं। उनका उपयोग मेहमानों के सत्कारार्थ या बच्चों को प्रसन्न करने के लिए कभी भूलकर भी न करें।
‘फ्रेशफ्रूट’ के लेबल में मिलती किसी भी बोतल या डिब्बे में ताजे फल अथवा उनका रस कभी नहीं होता। बाजार में बिकता ताजा ‘ओरेन्ज’ कभी भी संतरा-नारंगी का रस नहीं होता। उसमें चीनी, सैक्रीन और कृत्रिम रंग ही प्रयुक्त होते हैं जो आपके दाँतों और आँतड़ियों को हानि पहुँचा कर अंत में कैंसर को जन्म देते हैं। बंद डिब्बों में निहित फल या रस जो आप पीते हैं उन पर जो अत्याचार होते हैं वे जानने योग्य हैं।
सर्वप्रथम तो बेचारे फल को उफनते गरम पानी में धोया जाता है। फिर पकाया जाता है। ऊपर का छिलका निकाल लिया जाता है। इसमें चाशनी डाली जाती है। और रस ताजा रहे इसके लिए उसमें विविध रसायन (कैमीकल्स) डाले जाते हैं। उसमें कैल्शियम नाइट्रेट, एलम और मैग्नेशियम क्लोराइड उडेला जाता है जिसके कारण अँतड़ियों में छेद हो जाते हैं। किडनी को हानि पहुँचती है, मसूढ़े सूज जाते हैं। जो लोग पुलाव के लिए बाजार के बंद डिब्बों के मटर उपयोग में लेते हैं उन्हें हरे और ताजा रखने के लिए उनमें मैग्नेशियम क्लोराइड डाला जाता है। मक्की के दानों को ताजा रखने के लिए सल्फर डायोक्साइड नामक विषैला रसायन (कैमीकल) डाला जाता है. एरीथ्रोसिन नामक रसायन कोकटेल में प्रयुक्त होता है। टमाटर के रस में नाइट्रेटस डाला जाता है। शाकभाजी के डिब्बों को बंद करते समय शाकभाजी के फलों में जो नमक डाला जाता है वह साधारण नमक से 45 गुना अधिक हानिकारक होता है।
इसलिए अपने और बच्चों के स्वास्थ्य के लिए और मेहमान-नवाजी के फैशन के लिए भी ऐसे बंद डिब्बों का प्रयोग ना करे.