बिना वेतन ही निर्भया के दोषियों को फांसी पर लटकाना चाहते हैं यह हेड कांस्टेबल, जल्लाद बनने की मांग
कोलकाता टाइम्स :
भारत में एक के बाद एक गैंगरेप और हत्या की घटना आज भी निर्भया की याद ताजा कर देती है। तेलंगाना की महिला वेटनरी डॉक्टर से गैंगरेप के बाद हत्या करने के सभी आरोपियों के एनकाउंटर के बाद सजा तो मिल गयी। लेकिन निर्भया के दोषियों को आज तक फांसी पर लटकाया नहीं जा सका। खबर आई थी कि तिहाड़ जेल के पास जल्लाद न होने के कारण दोषियों को फांसी देने की तारीख तय नहीं हो पा रही है। इस खबर के बाद तमिलनाडु के रामनाथपुरम जिले के एक हेड कांस्टेबल ने तिहाड़ जेल में मृत्युदंड पाए दोषियों को फांसी पर लटकाने वाला जल्लाद बनने की पेशकश की है।
दिल्ली में कारावास डीजीपी को लिखे पत्र में हेड कांस्टेबल सुभाष श्रीनिवास ने कहा, ‘मैं तिहाड़ जेल में जल्लाद के तौर पर काम करना पसंद करूंगा’. उन्होंने कहा कि उन्हें इस काम के लिए किसी तरह का भुगतान नहीं चाहिए।
गौरतलब है कि अफजल गुरु को 43 साल की उम्र में 09 फरवरी 2013 को तिहाड़ जेल के कारागार नंबर 3 में फांसी पर लटकाया गया था, लेकिन अफजल को फांसी पर लटकाने वाले जल्लाद का नाम आज तक गुप्त रखा गया है। इससे पहले तिहाड़ जेल में ही साल 1989 में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के हत्यारों को फांसी पर लटकाया गया था। उनके हत्यारों को फांसी पर चढ़ाने वाले जल्लादों का नाम कालू और फकीरा था।