November 23, 2024     Select Language
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आंखों को पढ़ गूगल सुनाएगा आपके दिल की कहानी

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कोलकाता टाइम्स :
ले ही आर्टीफिशियल इंटेलीजेंस इंसानों के लिए अभिशाप है या वरदान इसको लेकर दुनिया भर में बड़ी बहस हो रही हो पर अब इसी के जरिए अब गूगल कुछ कमाल दिखाने आया है। गूगल के सेहत कार्यक्रम से जुड़े वैज्ञानिकों की एक टीम ने आर्टीफिशियल इंटेलीजेंस को लेकर एक कमाल किया है। इस टीम ने एआई प्रोग्राम के एक अंतर्गत एक ऐसा सॉफ्टवेयर बनाया है, जो मशीन लर्निंग की मदद से किसी भी इंसान के शरीर में मौजूद बीमारियों का पता लगाएगा। यही नहीं इन छिपी हुई बातों को पता लगाने के लिए किसी भारी भरकम टेस्‍ट या डायग्‍नोस्टिक मशीन की जरूरत नहीं होगी और न ही इसके लिए ब्‍लड सैंपल लेना पड़ेगा। बल्‍कि इसके लिए गूगल का खास सॉफ्टवेयर स्‍मार्टफोन या दूसरी कैमरा डिवाइस के द्वारा लोगों की आंखें स्‍कैन करेगा। इसके बाद रेटीना स्‍कैन के डेटा को प्रोसेस करके गूगल का सॉफ्टवेयर उस व्‍यक्ति की उम्र, ब्‍लड प्रेशर के अलावा यह भी बता देगा कि वो सिगरेट पीता है या नहीं। इसके आधार पर ही ये प्रोग्राम बता देगा कि उस व्‍यक्ति को दिल की बीमारी या हार्ट अटैक का कितना खतरा है और कितने सालों बाद उसे ऐसी कोई बीमारी हो सकती है।

अगर आपको लगता है कि महंगे महंगे डायग्‍नोस्टिक टेस्‍ट से जिन बीमारियों के बारे में पहले से पता नहीं चलता, वो बीमारियां भला गूगल कैसे बता देगा। पर फिर यही तो गूगल की विशेषता है जिसका आर्टीफिशियल इंटेलीजेंस दुनिया के किसी भी दूसरे डायग्‍नोस्टिक टेस्‍ट के कहीं आगे जाकर भविष्‍य की बीमारियों के बारे में सटीक जानकारी दे सकेगा। गूगल के आर्टीफिशियल इंटेलीजेंस ब्‍लॉग पर कंपनी के एआई विशेषज्ञों ने बताया है कि उन्‍होंने करीब 2 लाख 90 हजार मरीजों से जुड़े डेटा को अपने सॉफ्टवेयर प्रोग्राम में डाला है। इस डेटा को एनालाइज करके और मशीन लर्निंग के नए मॉडल को शामिल करके वे किसी भी व्‍यक्ति के शरीर में भविष्‍य में होने वाली बीमारियों के बारे में ठीक ठीक जान सकते हैं, वो भी बहुत कम खर्चे और आसानी के साथ।

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