अब चीन बनेगा भगवान, अपने हिसाब से सरकार लिखेगी कुरान और बाइबिल
कोलकाता टाइम्स :
चीन में उईगर मुस्लिमों पर अत्याचार आम बात है। चीन उईगर मुस्लिमों सताने का कोई रास्ता नहीं छोड़ता। वहीं, चीन अब मुस्लिमों के धार्मिक ग्रंथ कुरान और ईसाई समुदाय के धार्मिक ग्रंथ बाईबल बदलने का निर्णय लिया है। चीन इन दोनों ग्रंथों को अपने हिसाब से फिर से लिखने का निर्णय किया है। इसके पीछे चीन का तर्क यह है कि वह अब अपने समाजवादी मूल्यों की हिफाजत करेगा, जो भी पैराग्राफ गलत समझे जाएंगे उनमें या तो बदलाव किया जाएगा या फिर से उनका अनुवाद किया जाएगा। कुल मिलाकर कहें तो चीन अपने हिसाब से इनकी व्याख्या करेगा।
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, कम्युनिस्ट पार्टी के एक शीर्ष अधिकारी ने फरमान जारी किया है कि बाइबल और कुरान के नए संस्करणों में कम्युनिस्ट पार्टी की मान्यताओं के खिलाफ जाने वाली कोई भी सामग्री नहीं होनी चाहिए। अगर किसी पैराग्राफ की व्याख्या गलत समझी जाती है तो उसमें संशोधन या फिर से उसका अनुवाद किया जाएगा। हालाँकि बाइबल और कुरान का विशेष रूप से उल्लेख नहीं किया गया, लेकिन कम्युनिस्ट पार्टी ने ऐसे धार्मिक धर्मशास्त्रों के व्यापक मूल्यांकन करने को कहा है, जो उन सामग्रियों को लक्षित करते हैं जो समय के बदलाव में फिट नहीं बैठते हैं।