कालापानी को लेकर भारत-नेपाल देख रहे आमने-सामने
कोलकाता टाइम्स :
कालापानी को लेकर नेपाल-भारत आमने-सामने दिख रहे हैं। कालापानी चीन, नेपाल और भारत की सीमा जहां मिलती है वह 372 वर्ग किलोमीटर का क्षेत्र है। नेपाल कालापानी बॉर्डर के मुद्दे पर भारत से बात करना चाहता है। ऐसे में भारत सरकार ने गुरुवार को जोर देकर कहा कि जम्मू-कश्मीर के पुनर्गठन के बाद जारी किए गए भारत के नए राजनीतिक नक्शे में सीमाओं का सही चित्रण किया गया है। हालांकि, सरकार ने यह भी कहा कि परिसीमन प्रक्रिया अभी जारी है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा, हमारा नक्शा भारत के संप्रभु क्षेत्र को सही तरह से चित्रित करता है। नए नक्शे में नेपाल के साथ लगी हमारी सीमा में किसी तरह का बदलाव नहीं किया गया है।
विदेश मंत्रालय का यह बयान तब आया है जब नेपाली मीडिया में खबरें आईं कि संभवतः 15 जनवरी को इस मुद्दे पर दोनों देशों के विदेश सचिवों के बीच बातचीत होगी। भारत में नेपाल के राजदूत नीलांबर आचार्य ने टाइम्स ऑफ इंडिया से इसी सप्ताह कहा था कि नेपाल कालापानी समेत सीमा से जुड़े तमाम मुद्दे सुलझाने के लिए विदेश सचिव स्तरीय व्यवस्था बनाना चाहता है।
वहीं, नेपाल के सुप्रीम कोर्ट ने 15 दिनों के अंदर देश के दो वास्तविक नक्शे उपलब्ध कराने को कहा है। एक नक्शा 1816 में सुगौली समझौते के वक्त और दूसरा नक्शा 1960 में सीमा संधि पर दस्तखत के वक्त भारत के साथ आदान-प्रदान हुआ था। दरअसल, एक वरिष्ठ वकील की ओर से दायर एक याचिका में सुप्रीम कोर्ट से मांग की गई थी कि वह नेपाल सरकार को नेपाली भूभाग के संरक्षण के लिए राजनीतिक और कूटनीतिक प्रयास शुरू करने का आदेश दे। इसी याचिका की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने नेपाल सरकार से 1816 का नक्शा मांग लिया।