भूलकर भी इन मंदिरों में ना जाये कोई पुरुष
कोलकाता टाइम्स :
भारत में कई ऐसी धार्मिक जगहें हैं, जहां महिलाओं के प्रवेश पर प्रतिबंधत है, कई जगह उन्हें द्वार तक मे प्रवेश करने की इजाजत नहीं है। लेकिन आप को जान कर हैरानी होगी की भारत में ऐसे मंदिर भी हैं जहां पुरुषों को प्रवेश की अनुमति नहीं है। आज हम आपको ऐसे ही मंदिरों के बारे मे बताने जा रहे है जहां आदमियों की प्रवेश (Entry) पर प्रतिबंध है।
मासिक धर्म माना जाता है बहुत शुभ
जहां भारत मे एक ओर महिलाओं के मासिक धर्म चक्र को अछूत बता कर उन का मंदिर प्रवेश प्रतिबंधित है तो दुसरी ओर एसे मंदिर भी है जहां महिलाओं के मासिक धर्म चक्र को शुभ मानते है।
गुवाहाटी मे बना यह माता का ‘कामरूप कामाख्या मंदिर’ महिलाओं को मासिक धर्म चक्र के दौरान परिसर में प्रवेश की अनुमति देता । और साथ ही यहां की पुजारी महिलाएं ही है।
भगवती मां मंदिर
कन्याकुमारी के इस मंदिर में पुरुषों के अंदर जाने पर प्रतिबंधत है। मान्यता है की इस मंदिर में मां भगवती कन्या रूप मे है, यहां उन के कन्या रूप की पूजा होती है। कहा जाता है कि मां पार्वती शिव को पाने के लिए यहां तपस्या की थी। शायद यही कारण होगा की इस मंदिर में केवल महिलाओं को जाने की अनुमति है और यहां केवल कन्या/ महिलाएं मां भगवती दुर्गा की पूजा करती है।
सिर्फ स्त्रियां और किन्नर कर सकते पूजा
कन्याकुमारी, तमिलनाडु में स्थित मां भगवती का यह मंदिर सिर्फ स्त्रियां और किन्नरों को पुजा करने की इजाजत देता है। इस मंदिर में पुरुषों का आना वर्जित है। और अगर पुरुष पूजा करना चाहते है तो उन्हें पूरी तरह से खुद का सोलह श्रंगार करके आना पड़ता है।
शादीशुदा पुरुषों के प्रवेश पर प्रतिबंध
Rajasthan के पुष्कर शहर में एक ऐसा मंदिर है जहां शादीशुदा पुरुषों के मंदिर मे प्रवेश पर प्रतिबंध है। यह मंदिर भगवान ब्रह्मा का है। 14 वीं शताब्दी में बना ये ब्रह्मा का ये मंदिर शादीशुदा पुरुषों को अंदर जाने की अनुमति नही देता।
मान्यताओं की माने तो इस मंदिर मे भगवान ब्रह्मा ने अपनी पत्नी के साथ यज्ञ किया था और मां सरस्वती उन से नाराज होकर वहां से चली गया थी। उस के बाद ब्रह्मा ने इस मंदिर को शाप दे दिया। तब से यहां पर विवाहित पुरुषों का प्रवेश वर्जित है।
शुक्रवार को नही जा-सकते संतोषी मां के किसी भी मंदिर
कहा जाता है की केवल महिलाओं या अविवाहित लड़कियां ही मां संतोषीका व्रत रख सकती है। और इस व्रत करे समय उन को खट्टे फल या अचार खाने पर रोक होती है पर यह व्रत आदमियों द्वारा भी रखा जाता है। पर नियमों की माने तो इस व्रत के दौरान आदमी शुक्रवार को नही जा-सकते संतोषी मां के किसी भी मंदिर।