‘थालीनॉमिक्स’ ट्रिक खोलेगा महंगाई का पूरा राज
कोलकाता टाइम्स :
अक्सर आम लोग यह कहते दीखते है ‘अरे भाई यह आर्थिक सर्वेक्षण पल्ले नहीं पड़ती’। यही वजह है कि आम जनता आर्थिक सर्वेक्षण के रिपोर्ट को समझने की बजाए इग्नोर ही कर देती है। लेकिन अब वित्त मंत्रालय ने एक ऐसा नायाब तरीका निकाला है जिसकी मदद से कोई भी आम नागरिक इसे समझ सकता है। वित्त मंत्रालय ने पहली बार आर्थिक सर्वेक्षण में ‘थालीनॉमिक्स’ को जोड़ा है। इसकी मदद से आप आसानी से महंगाई बढ़ने या कम होने को समझ पाएंगे।
वित्त मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि भारतीय अर्थव्यवस्था का जन साधारण के जीवन में ठोस प्रभाव पड़ता है। अर्थशास्त्र को जनसाधारण के जीवन से जोड़ने के लिए भोजन की थाली एक ऐसी वस्तु है जिसे खाकर कामगार या मजदूर का जीवन चलता है। इस तबके में सबसे प्रचलित खाना थाली ही होता है जिसमें चावल, रोटी, दाल और सब्जी के अलावा सलाद भी मिल जाता है। अधिकारी का कहना है कि थालीनॉमिक्स एक सामान्य व्यक्ति द्वारा एक थाली के लिए किए जानेवाले भुगतान को मापने की कोशिश है। इसमें एक वेज थाली या नॉन-वेज थाली के लिए जेब से खर्च होने वाले पैसे का आकलन करना है।
आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि थाली की असल कीमत जानने के लिए सरकार ने 25 राज्यों में उन ढाबों/होटलों की निशानदेही की है जहां आम मजदूर खाना खाने जाता है। रिपोर्ट तैयार करने के लिए कुल 80 ऐसे ढाबों/होटलों से आंकड़े इकट्ठा किए गए।