यह कैसा टैटू जिसे देख डॉक्टर, मरीज को मरने के लिए छोड़ा
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आपने कभी सुना है कि अस्पताल में कोई मरीज आए और डॉक्टर इस बात को लेकर असमंजस में हों कि उसे बचाया जाये या मरने के लिये छोड़ दिया जाये।सुनने में यह अजीब लग सकता है कि लेकिन अमेरिका के फ्लोरिडा में ऐसा ही मामला सामने आया है।
फ्लोरिडा के एक अस्पताल में डॉक्टर उस समय दुविधा में पड़ गए, जब उनके पास बेहोशी की हालत में एक मरीज आया जिसने अपनी छाती पर ‘फिर से जिंदा मत होने देना’ (डू नॉट रिससिटेट) का टैटू गुदवा रखा था। इससे डॉक्टरों में यह उलझन पैदा हो गई कि क्या यह संदेश मरीज के मरने की इच्छा जाहिर कर रहा है?
‘द न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन’ में डॉक्टरों का बयान प्रकाशित किया गया है। इसके मुताबिक 70 वर्षीय व्यक्ति को सांस और अन्य दिक्कतों के चलते जैक्सन मेमोरियल अस्पताल में भर्ती कराया गया।
डॉक्टरों ने बताया कि मरीज के शरीर पर गुदे टैटू से दुविधा पैदा हो गई। शुरुआत में मरीज का इलाज करने का फैसला किया गया, लेकिन जब इस पर विचार किया गया कि अपनी इच्छा पूरी करने के लिए मरीज ने यह चरम कदम उठाया होगा। उसकी छाती पर ‘न’ शब्द गुदा था और उसके टैटू में उसके दस्तखत भी थे, जिसके बाद डॉक्टरों ने आपस में विचार विमर्श किया।
डॉक्टरों ने तय किया कि मरीज के टैटू में व्यक्त की गई इच्छा का सम्मान करना चाहिए। डॉक्टरों ने यह सलाह मानी और व्यक्ति की रात में मौत हो गई।
मियामी के एक अस्पताल में भी 2012 में ऐसा ही मामला सामने आया था जिसमें 59 वर्षीय मरीज के परिजनों ने बाद में पुष्टि की थी कि टैटू पर लिखा संदेश उसकी इच्छा नहीं दर्शाता और उसने युवा दिनों में नशे में चूर होकर शर्त लगाने के कारण यह टैटू बनवाया था।