कैसी भी बुखार हो यह दवा है खास
कोलकाता टाइम्स :
जुलाई-अगस्त-सितंबर इन तीन महीनो में बीमारी का दौर रहता है। बारिश के इस मौसम में अपने आपको बीमारियों से बचाये रखने के लिए महंगी दवाओं का सहारा न लेते हुए घरेलू नुस्खे आजमाएं। वर्षो से हमारी दादी-नानी कड़वे चिरायते से बीमारियों को मिटाते आई है। दरअसल यह कड़वा चिरायता एक जड़ीबूटी है जो कुनैन की गोली से अधिक प्रभावी होती है। पुराने ज़माने में इसे घरो में सूखा कर तैयार किया जाता था लेकिन आजकल यह बाजार में पिसा हुआ ही उपलब्ध हो जाता है।
चिरायते, दूर्वा और तुलसी के पत्ते को समान मात्रा में लेकर पिश ले। अब डिब्बे में भर कर रख लीजिए। इस चूर्ण का उपयोग मलेरिया या अन्य बुखार होने की स्थिति में दिन में तीन बार दूध के साथ करे। इसका सेवन करने से मात्र दो दिन में आपको आश्चर्यजनक फायदे दिखने लगेंगे। यदि आपको बुखार नहीं है तो भी आप इसका प्रतिदिन एक चमच सेवन कर सकते है।
चिरायते का चूर्ण हर प्रकार की बीमारी चाहे वह स्वाइन फ्लू ही क्यों ना हो, उसे शरीर से दूर कर देता है। इसका सेवन करने से शरीर के सारे रोगाणु-कीटाणु दूर हो जाते है। रक्त एवं त्वचा संबंधी समस्त विकार दूर होते हैं। गर्भवती महिला और कमजोर पाचन शक्ति के लोग इसका सेवन बिना परामर्श के न करे।