कंपनी से नाराज उबर और ओला चालक हड़ताल पर
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न्यूज डेस्क
5 मेट्रो शहर में मोबाइल एप्प पर टैक्सी सर्विस देने वाली उबर और ओला आज से हड़ताल पर हैं। कमाई घटने की वजह से ही मुंबई, पुणे, हैदराबाद, बेंगलुरु और दिल्ली/एनसीआर में ओला-ऊबर की टैक्सी मिलने में लोगों को मुश्किल हो सकती है। इन शहरों में कैब ड्राइवरों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का फैसला किया है। मुंबई में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के ट्रांसपोर्ट विंग के अध्यक्ष संजय नाइक का कहना है कि हड़ताल में देश भर के 60,000 कैब ड्राइवर शामिल हैं।
एम.एन.वी.एस. के संजय नाइक ने कहा, “ओला और उबर ने ड्राइवरों से बड़े वादे किए थे लेकिन आज वह अपनी लागत भी नहीं निकाल पा रहे हैं। उन्होंने 5 से 7 लाख रुपए निवेश किए और उन्हें मासिक आधार पर डेढ़ लाख रुपए तक कमाने की उम्मीद थी लेकिन वह इसका आधा भी नहीं कमा पा रहे हैं, इसकी प्रमुख वजह इन कंपनियों का कुप्रबंधन है।”
नाइक ने आरोप लगाया कि बुकिंग में यह कंपनियां उनके मालिकाना वाली टैक्सियों को प्राथमिकता देती हैं, इससे भी ड्राइवरों की कमाई पर असर पड़ा है। नाइक का दावा है कि इन कंपनियों ने मुद्रा योजना के तहत ऋण लेने के लिए ड्राइवरों को गारंटीपत्र तो दिए लेकिन उनका कोई सत्यापन नहीं किया। अब उनकी लागत पूरी नहीं होने से वह इसका भुगतान करने में सक्षम नहीं है।
ड्राइवरों का आरोप है कि ओला और उबर दोनों कंपनी की कारों को पहले सवारियां देती हैं। ड्राइवर इतने परेशान हैं कि अकेले मुंबई में 20 फीसदी ड्राइवरों ने अपनी गाड़ियां उबर-ओला से हटा ली हैं। कैब ड्राइवरों का कहना है कि अगर मांगें नहीं मानी गईं तो हड़ताल आगे भी चल सकती है। ओला और उबर की तरफ से अभी स्ट्राइक पर कोई जवाब नहीं आया है।
एम.एन.वी.एस. के संजय नाइक ने कहा, “ओला और उबर ने ड्राइवरों से बड़े वादे किए थे लेकिन आज वह अपनी लागत भी नहीं निकाल पा रहे हैं। उन्होंने 5 से 7 लाख रुपए निवेश किए और उन्हें मासिक आधार पर डेढ़ लाख रुपए तक कमाने की उम्मीद थी लेकिन वह इसका आधा भी नहीं कमा पा रहे हैं, इसकी प्रमुख वजह इन कंपनियों का कुप्रबंधन है।”
नाइक ने आरोप लगाया कि बुकिंग में यह कंपनियां उनके मालिकाना वाली टैक्सियों को प्राथमिकता देती हैं, इससे भी ड्राइवरों की कमाई पर असर पड़ा है। नाइक का दावा है कि इन कंपनियों ने मुद्रा योजना के तहत ऋण लेने के लिए ड्राइवरों को गारंटीपत्र तो दिए लेकिन उनका कोई सत्यापन नहीं किया। अब उनकी लागत पूरी नहीं होने से वह इसका भुगतान करने में सक्षम नहीं है।
ड्राइवरों का आरोप है कि ओला और उबर दोनों कंपनी की कारों को पहले सवारियां देती हैं। ड्राइवर इतने परेशान हैं कि अकेले मुंबई में 20 फीसदी ड्राइवरों ने अपनी गाड़ियां उबर-ओला से हटा ली हैं। कैब ड्राइवरों का कहना है कि अगर मांगें नहीं मानी गईं तो हड़ताल आगे भी चल सकती है। ओला और उबर की तरफ से अभी स्ट्राइक पर कोई जवाब नहीं आया है।