नींद ने ट्रैक पर हमेशा के लिए सुला दिया 16 मजदूरों को
कोलकाता टाइम्स :
लॉकडाउन के चलते पैदल ही निकल पड़े थे घर की ओर। लेकिन थकावट ने ऐसे सुलाया की ट्रैन की आवाज भी नहीं उठा पायी।महाराष्ट्र के औरंगाबाद में बदनापुर-करमाड रेलवे स्टेशन के पास शुक्रवार सुबह एक मालगाड़ी से कटकर 16 मजदूरों की मौत हो गई है तथा कुछ मजदूर घायल हो गये। भारतीय रेलवे की ओर से जारी प्रेस रिलीज के अनुसार जिन मजदूरों की मौत हुई है, वो सभी मध्य प्रदेश के रहने वाले थे और महाराष्ट्र के जालना में एसआरजी कंपनी में कार्यरत थे।
रेलवे ने बताया कि इन सभी मजदूरों ने 5 मई को जालना से अपनी यात्रा शुरू की और ये सभी पहले सड़कर्मा से आ रहे थे, लेकिन औरंगाबाद के पास आते हुए इन्होंने रेलवे ट्रैक के साथ चलना शुरू किया।
करीब 36 किमी तक पैदल चलने के बाद जब सभी मजदूर थक गए थे, तो ट्रैक के पास ही आराम के लिए लेट गए और वहां ही सो गए। इनमें से 16 लोग ट्रैक पर सोए, 2 बराबर में और बाकी तीन कुछ दूरी पर सोये। उसी ट्रैक पर एक मालवाही ट्रैन अजाने से इन्हीं में से 16 की मौत हो गई है, और घायल मजदूरों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
इस हादसे के बाद अब रेल मंत्रालय की ओर से जांच के आदेश दिए गए हैं, जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हादसे पर दुख व्यक्त किया है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सभी मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख रुपये का मुआवजा देने का ऐलान किया है, साथ ही घायलों के इलाज पर नजर रखी जा रही है।