प्रतियोगी परीक्षा में कामयाबी के लिए इस देवी की पूजा-अर्चना करें!
देवी दुर्गा का छठा स्वरूप कात्यायनी है। देवी कात्यायनी, सिंह पर सवार हैं। देवी कात्यायनी एक हाथ में तलवार और दूसरे में अपना प्रिय पुष्प कमल लिये हुए हैं. शेष दो हाथ- वरमुद्रा और अभयमुद्रा में हैं। जिन व्यक्तियों ने जाने/अनजाने बुजुर्गों और गुरु का अपमान किया हो उन्हें देवी कात्यायनी से सच्चे दिल से क्षमा मांगनी चाहिए और पूजा-अर्चना करके प्रायश्चित व्रत करना चाहिए, साथ ही भविष्य में ऐसी गलती नहीं करने का संकल्प लेना चाहिए। देवी कात्यायनी की पूजा-अर्चना से गुरु ग्रह की अनुकुलता प्राप्त होती है इसलिए धनु और मीन राशिवालों को देवी की आराधना से संपूर्ण सुख की प्राप्ति होती है।
जिन श्रद्धालुओं की गुरु की दशा-अन्तरदशा चल रही हो उन्हें भी देवी कात्यायनी की पूजा-अर्चना करनी चाहिए। प्रतियोगी परीक्षा, उच्च शिक्षा और शिक्षण कार्य के क्षेत्र में सफलता के लिए श्रद्धालुओं को देवी कात्यायनी की आराधना करनी चाहिए।जिन श्रद्धालुओं के बुजुर्गों/पति से मतभेद हों वे संकल्प लेकर देवी कात्यायनी की आराधना करें, विवाद से राहत मिलेगी।देवी की इस मंत्र से पूजा-अर्चना करें… ओम देवी कात्यायन्यै नम:॥