November 23, 2024     Select Language
Editor Choice Hindi KT Popular धर्म

रात 12 बजे मनाते हैं जन्मदिन तो हो जाएं सावधान…

[kodex_post_like_buttons]

कोलकाता टाइम्स  :

क अजीब सी प्रथा इन दिनों चल पड़ी है वो है वो है रात 12 बजे शुभकामनाएं देने और जन्मदिन मनाने की। लेकिन क्या आपको पता है भारतीय शास्त्र इसे गलत मानता है. आज हम आपको यही बताने जा रहे हैं कि वास्तव में ऐसा करने से कितना बड़ा अनिष्ट हो सकता है।

आजकल किसी का बर्थडे हो, शादी की सालगिरह हो या फिर कोई और अवसर क्यों ना हो, रात के 12 बजे केक काटना लेटेस्ट फैशन बन गया है। लोग इस बात को लेकर उत्साहित रहते हैं कि रात को बारह बजे केक काटना है या दोस्तों यारों का जन्मदिन रात के बारह बजे ही सेलिब्रेट करना है। लेकिन वास्तव में अंग्रेजी तिथि अनुसार बर्थडे या एनिवर्सरी मनाना किसी के लिए भी शुभ नहीं है.इसके पीछे कुछ ऐसे कारण है, जिनका सीधा संबंध हमारे शास्त्रों से हैं।

अक्सर ऐसा देखा जाता है कि लोग अपना जन्मदिन 12 बजे यानि निशीथ काल ( प्रेत काल) में मनाते हैं। निशीथ काल रात्रि को वह समय है जो समान्यत: रात 12 बजे से रात 3 बजे की बीच होता है। आमजन इसे मध्यरात्रि या अर्ध रात्रि काल कहते हैं। शास्त्रनुसार यह समय अदृश्य शक्तियों, भूत व पिशाच का काल होता है।  इस समय में यह शक्ति अत्यधिक रूप से प्रबल हो जाती हैं।

हम जहां रहते हैं वहां कई ऐसी शक्तियां होती हैं, जो हमें दिखाई नहीं देतीं किंतु बहुधा हम पर प्रतिकूल प्रभाव डालती हैं जिससे हमारा जीवन अस्त-व्यस्त हो उठता है और हम दिशाहीन हो जाते हैं। जन्मदिन की क॔ई कई पार्टीयों में अक्सर मदिरा व मांस का चलन भी होता है और बाकी आम पार्टीयों में ग्रसिठ चटपटे व्यंजनदार भोजन तो होता ही है। ऐसे में प्रेतकाल में केक काटकर, मदिरा व मांस का सेवन करने से या तामसिक व व्यंजनदार भोजन से अदृश्य शक्तियां वहाँ मंडराती है और वे प्रतिकूल असर करती हुई व्यक्ति की आयु व भाग्य में भी कमी करती हैं और दुर्भाग्य उसके द्वार पर दस्तक देता है।

Related Posts