आजीवन कारावास जैसी सजा लालू को
न्यूज डेस्क
चारा घोटाला मामले में लालू प्रसाद यादव को अब तक सबसे बड़े सजा का सामना करना पड़ा। अदालत ने 14 साल की सजा और 60 लाख जुर्माने की सजा सुनाई। जुर्माना न देने पर सजा की अवधि बढ़ सकती है। सीबीआई की विशेष अदालत ने आज बहुचर्चित चारा घोटाला मामले में लालू प्रसाद यादव को अलग-अलग धाराओं के तहत सात-सात साल की सजा सुनाई ।
दुमका कोषागार से 3.13 करोड़ रुपये की अवैध निकासी से जुड़े मामले में लालू को विशेष अदालत ने सोमवार को दोषी करार दिया था। सीबीआई के विशेष न्यायाधीश शिवपाल सिंह की अदालत पिछले तीन दिनों से सजा के बिंदू पर लगातार सुनवाई कर रही थी। कोर्ट ने शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये फैसला सुनाया।
चारा घोटाले का नियमित मामला 38 ए/96 दुमका कोषागार से तीन करोड़ 97 लाख रुपये की अवैध निकासी का है। इस मामले मेंलालू प्रसाद यादव और जगन्नाथ मिश्रा समेत 31 आरोपी थे। सीबीआई ने इस मामले में दो पूर्व तथा तीन पूर्व मंत्रियों समेत अन्य लोगों के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए 8 अक्टूबर, 1999 को बिहार के तत्कालीन राज्यपाल सूरज भान से अनुमति मांगी थी । राज्यपाल ने 03 नवंबर, 1999 को यादव समेत अन्य अभियुक्तों के खिलाफ सीबीआई को मुकदमा चलाने की अनुमति दे दी थी। चार मामलों में सजा होने के बाद यादव के खिलाफ अभी भी दो अन्य मामले चाइबासा कोषागार से 33.61 करोड़ रुपये की निकासी से जुड़ा 68ए/96 और डोरंडा कोषागार से 139.39 करोड़ रुपये की अवैध निकासी का मामला 47 ए/96 न्यायालय में लंबित है।