चीनी सैनिकों को प्रकृति की लताड़, डूबे टेंट, लौटना पड़ सकता है वापस
कोलकाता टाइम्स :
एलएसी से अपने सैनिकों को वापस बुलाना पड़ सकता है। गलवान नदी में गतिरोध वाली जगह से पांच किमी की दूरी पर सैनिकों को इकठ्ठा करने वाली चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी को अब ऐसा इसलिए करना होगा क्योंकि नदी के जल स्तर में वृद्धि हुई है और बाढ़ के हालात बन गए हैं।
एक वरिष्ठ सैन्य कमांडर ने कहा कि अक्साई चिन क्षेत्र से आने वाली बर्फीली ठंड के बाद गलवान घाटी बर्फ से ढंक गई थी, जो तापमान में वृद्धि के कारण पिघल रही है और गलवान नदी का जल स्तर तेजी से बढ़ गया है। तेज गति से बर्फ पिघलने से नदी के तट की स्थिति खतरनाक हो गई है। उपग्रह और ड्रोन ने नदी के तट पर चीनी टेंटों के बढऩे का संकेत दिया था। दावा किया जा रहा है कि सैटेलाइट और ड्रोन से ली गई तस्वीरों से इस बात के संकेत मिल रहे हैं कि चीन ने जहां टेंट गाड़े थे वहां पानी भर गया है।
दरअसल गलवान नदी अक्साई चिन क्षेत्र से शुरू होती है। वो इलाका जो सालों भर से बर्फ से ढका रहता है. पिछले महीने यानी 15 जून को इसी इलाके में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई थी, जिसमें हमारे 20 सैनिक शहीद हो गए थे. कहा जा रहा है कि सैनिकों की जान गलवान नदी में गिरने से हुई। नदी का पानी इतना ठंडा था कि घायल सैनिकों ने तुरंत ही दम तोड़ दिया।