घटिया चीन : गलवान घाटी में मारे गए अपने सैनिकों को सन्मान तो दूर दफ़नाने की इजाजत भी नहीं
कोलकाता टाइम्स :
चीन इतना घटियापन पर उतारू है कि अपने शहीद सैनिकों की शवों की भी बेइज्जती से बज नहीं आ रहा। अमेरिकी खुफिया आकलन रिपोर्ट के अनुसार, चीन गलवान घाटी में मारे गए अपने सैनिकों द्वारा दिए गए बलिदान को मान्यता देने के लिए तैयार नहीं है। इसमें बताया गया है कि चीन की सरकार झड़प में मारे गए जवानों के परिजनों पर दबाव डाल रही है कि वे उनकी शव यात्रा और अंतिम संस्कार के समारोह का आयोजन न करें।
पूर्वी लद्दाख की गलवां घाटी में 15 जून को भारत और चीन के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हो गई थी। इस घटना में दोनों ही पक्ष के जवान हताहत हुए थे। भारत ने बिना किसी हिचकिचाहट के अपने 20 जवानों के शहीद होने की बात को स्वीकार लिया। उन्हें हीरो की तरह सम्मान दिया गया। दूसरी तरफ, चीन ने अपने जवानों के हताहत होने की बात को नहीं स्वीकारा।
इस घटना के एक महीने बाद भी, चीन ने इस खूनी संघर्ष में मारे गए अपने जवानों की संख्या को लेकर कोई आधिकारिक खुलासा नहीं किया है।चीन सरकार द्वारा अपने प्रियजनों को खोने वाले दुखी चीनी परिवारों के साथ दुर्व्यवहार किया जा रहा है। पहले, चीनी सरकार ने इस घटना के बाद अपने जवानों के हताहत होने की संख्या को स्वीकार करने से इनकार कर दिया और अब मारे गए सैनिकों के परिजनों को उनके शवों को दफनाने से मना कर दिया है। जिससे शहीदों के परिवारों में काफी असंतोष देखा जा रहा है।