जापान के 70 अरब येन के प्लान पर भौंचक्का रह गया चीन
कोलकाता टाइम्स :
जापान सरकार ने अपनी कंपनियों को चीन से निकल कर वापस देश आने का न्योता दिया है, जिसके लिए वह पैसे भी दे रहा है। इस तरह चीन से 57 जापानी कंपनियां बाहर जा सकती हैं। बाकी देशों से भी 30 कंपनियों को वापस आने के लिए कहा गया है।
जापान की तरफ से एक खास पहल की गई है ताकि लोकल सप्लाई चेन पर कभी कोई असर ना पड़े और चीन पर उनकी निर्भरता भी कम हो सके। जापान की सरकार ने चीन से जापानी कंपनियों का वापस निकालने और फिर से जापान में लाने के लिए पैसे देने का फैसला किया है। जापान अपनी 57 कंपनियों को चीन से वापस आकर देश में ही मैन्युफैक्चरिंग करने के लिए 53.6 करोड़ डॉलर खर्च कर रहा है।
इतना ही नहीं, अन्य 30 कंपनियों को वियतनाम, म्यांमार, थाइलैंड औरर दक्षिण पूर्व एशियन देशों से अपनी यूनिट वापस जापान लाने के लिए भी पैसे दिए जा रहे हैं। निक्केई अखबार की रिपोर्ट के अनुसार सरकार इसके लिए कुल मिलाकर करीब 70 अरब येन खर्च करेगी।
चीन के खिलाफ खड़े होने वाले देशों का एक और उदाहरण है क्योंकि चीन का तरीका सही नहीं है। आर्थिक मोर्चे पर ब्लैकमेल करने से लेकर दूसरे देश की सीमा का सम्मान नहीं करना किसी भी देश को अच्छा नहीं लग रहा है। ताइवान की सरकार ने भी 2019 में कुछ ऐसी ही पॉलिसी बनाई थी, जैसी जापान ने बनाई है।
वहीं अमेरिका पहले ही चीन से अपनी कंपनियां निकालने की फिराक में है। एप्पल ने तो भारत में अपने प्लांट्स बढ़ाने का फैसला भी कर लिया है। चीन से बहुत सारी कंपनियां निकल कर बाहर आना चाहती हैं। भारत ने भी पहले ऐप बैन किए और अब चीनी कंपनियों पर भी शिकंजा कसना शुरू कर दिया है।