ऐसी अनोखी परंपरा, खून की नदी बहने तक होती है पत्थरों की बरसात
कोलकाता टाइम्स :
खूबसूरत वादियों से घिरा हुआ शिमला से करीब 35 किलोमीटर दूर हलोग धामी में हर साल ही वीरवार को पत्थर मेले का आयोजन किया जाता है। यह बहुत ही अजीब प्रकार का खेल होता है जिसमे खून की नदिया बहती हैं। जी हाँ… इस खेल में जब तक खून न बहने लगे तब तक पत्थरों की बारिश की जाती है। आपको बता दें पत्थरों का यह खेल दीपावली के एक दिन बाद खेला जाता है।
इस पत्थर खेल को देखने के लिए मेला में हजारों की संख्या में लोग उमड़ते हैं। इस खेल में 25 मिनट तक दोनों तरफ से पत्थर बरसाए जाते हैं। इस साल इस खेल में कनोड़ी के सुरेश शर्मा को पत्थर लगा। जब सुरेश के खून की धारा बहने लगी तो उन्हें खेल का चौर में स्थित सत्ती स्मारक पर लाकर उसके खून से तिलक किया गया। इस खेल को देखने के लिए मेले में सुन्नी, अर्की जैसी और भी कई जगह से लोग दूर-दूर से पहुंचते हैं। ये धार्मिक परंपरा कई सालों से चलती आ रही हैं और ये पुलिस के पहरे में शांतिपूर्ण ढंग से पूरी होती है।
इस खेल में पत्थर लगने वाले सुरेश ने बताया कि ‘उसकी आंख के पास पत्थर लगा था। चोट लगने पर उसे हल्का दर्द महसूस हुआ लेकिन अब वह ठीक है।’ आपकी जानकारी के लिए बता दें इस परंपरा में काली माता के मंदिर में पूजा अर्चना कर सबकी सुख शांति की कामना की जाती है और इस बार तो पत्थर का यह खेल बहुत लंबा चला। पिछले साल तो यह खेल पंद्रह मिनट में ही समाप्त हो गया था लेकिन इस बार 25 से 30 मिनट तक चला।