भारत को खुद की तरह दागदार साबित करने की कोशिश में यूं गिरा पाकिस्तान
कोलकाता टाइम्स :
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में बुधवार को एक बार फिर पाकिस्तान को भारत के आगे मुंह की खानी पड़ी। दरअसल, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने बुधवार को 1267 अल कायदा प्रतिबंध समिति के तहत दो भारतीय नागरिकों को आतंकवादी के रूप में नामित करने के इस्लामाबाद के प्रयासों को खारिज कर दिया। दरअसल, पाकिस्तान की कोशिश खुद की तरह भारत को भी दागदार करने की थी, लेकिन भारतीय नागरिकों को आंतकी साबित करने के लिए वह कोई सबूत पेश नहीं कर पाया। पाकिस्तान के इस कदम को जैश-ए-मोहम्मद के संस्थापक मसूद अजहर को 1267 समिति द्वारा वैश्विक आतंकवादी के रूप में सूचीबद्ध करने में भारत की सफलता के जवाब के तौर पर देखा जा रहा है।
पाकिस्तान ने जिन चार भारतीय नागरिकों को प्रतिबंध समिति के तहत प्रतिबंधित सूची में शामिल करने के लिए नामित किया था, उसमें अंगारा अप्पाजी, गोबिंद पटनायक, अजय मिस्री और वेणुमाधव डोंगरा के नाम शामिल थे। पाकिस्तान ने आरोप लगाया कि ये सभी अफगानिस्तान-आधारित समूह का हिस्सा थे, जिसने तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान और जमात-उल-अहरार द्वारा आतंकवादी हमलों को संगठित करने में मदद की। वहीं, पाकिस्तान के इस प्रयास को अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, फ्रांस और बेल्जियम द्वारा ‘टेक्निकल होल्ड’ के माध्यम से अवरुद्ध किया गया था। इन देशों की पाकिस्तान से मांग थी कि वह इस मामले में सबूत पेश करे।
सूत्रों ने बताया कि मिस्री और डोंगरा के नाम वाले पाकिस्तान के दावे को जून/जुलाई में ही रोक दिया गया था और बुधवार को बाकी दो व्यक्तियों को भी आतंकवादी मानने से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि चार व्यक्तियों को सूचीबद्ध करने के लिए पाकिस्तान द्वारा मामले में कोई सबूत नहीं दिया गया।