इस मंदिर में मुर्दा भी हो जाता है जिन्दा, ये है रहस्य
सबसे पहले आपको बता दें, यह मंदिर यमुना नदी की तट पर बर्नीगाड़ नामक जगह से सिर्फ 4-5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। समुद्र तल से इस स्थान की ऊंचाई लगभग 1372 मीटर है। यह खूसबसुरत जगह गुफाओं और भगवान शिव के मंदिर के प्राचीन अवशेषों से घिरा हुआ है। यही पर ये चत्मकार देखे जाते हैं जिन पर कई तरह की मान्यताएं भी हैं। इसी मंदिर के लिए कहा जाता है कि अगर किसी भी मृत व्यक्ति को लेकर आओ तो वो जीवित हो उठता है।
अब आपको बता दें इसकी क्या क्या मान्यताएं हैं। जानकारी दे दें, इस मंदिर में अगर किसी शव को इन द्वारपालों के सामने रखकर मंदिर के पुजारी उस पर पवित्र जल छिड़कें तो वह मृत व्यक्ति कुछ समय के लिए पुन: जीवित हो उठता है। जीवित होने के बाद वह भगवान का नाम लेता है और उसे गंगाजल प्रदान किया जाता है। गंगाजल ग्रहण करते ही उसकी आत्मा फिर से शरीर त्यागकर चली जाती है। ऐसा करने से उसे मोक्ष प्राप्त होता है। यह प्रथा कई सालों से चली आ रही है।