कुष्ठ रोग के लिए रामवाण है महुआ से इलाज़
कोलकाता टाइम्स :
महुआ भारतीय वनों का सबसे महत्वपूर्ण वृक्ष है जिसका कारण ना केवल इससे प्राप्त बहुमूल्य लकड़ी है वल्कि इससे प्राप्त स्वादिष्ट और पोषक फूल भी है.यह अधिक वृध्दि करने वाला वृक्ष है.इसकी सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इसके फूलों को संग्रहीत करके लगभग अनिश्चित काल के लिए रखा जा सकता है इस वृक्ष में फूल 10 वर्ष की आयु से शुरू होते है और लगभग 100 वर्ष तक लगातार आते रहते है.
1- महुआ की छाल का उपयोग कुष्ठ रोग का इलाज करने और घावों को ठीक करने के लिए किया जाता है.
2- महुआ के फूलों का उपयोग गैर शराबी उत्पाद जैसे जेम, जेली, शरबत, अचार, बेकरी और मिठाई से संबंधित खाद्य पदार्थ बनाने में किया जाता है.
3- महुआ के फूलों का उपयोग खांसी, मतली और हद्य से संबधित रोगों के इलाज के लिए किया जाता है.
4- महुआ के फलों का उपयोग रक्त संबंधी रोगो में किया जाता है.
5-चीनी, प्रोटीन, विटामिन और खनिजों के समृध्द स्त्रोत होते है.