कहीं आपके ललाट पर भी तो यह निशान नहीं
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कोलकाता टाइम्स :
सामुद्रिक शास्त्र में शरीर पर मौजूद चिन्ह, शरीर के अंगों की बनावट और उनके आकार-प्रकार के अनुसार व्यक्ति के स्वभाव और गुणधर्मों का आंकलन किया जाता है। अनेक विद्वान लोग किसी व्यक्ति का चेहरा देखकर ही उसके बारे में सबकुछ बता देते हैं। कैसे करते हैं वे ये सबकुछ। दरअसल हाथ की तरह ललाट पर भी रेखाएं होती हैं, जो आपके भविष्य का आईना होती हैं।
किसी व्यक्ति के ललाट पर दो, तो किसी के ललाट पर तीन रेखाएं होती हैं। किसी किसी के ललाट पर चार रेखाएं भी होती हैं। यदि माथे को थोड़ा संकुचित किया जाए तो इन रेखाओं को स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है और इनके आधार पर व्यक्ति के बारे में बहुत कुछ बताया जा सकता है।
आज हम बात करेंगे ललाट पर मौजूद तिल के बारे में, लेकिन इससे पहले ललाट पर कौन सी रेखा कहां होती है यह समझ लेना जरूरी है…
कहां कौन सी रेखा ललाट पर सबसे ऊपर की पहली रेखा शनि रेखा होती है। इसके नीचे की दूसरी रेखा गुरु रेखा होती है। इसके नीचे तीसरी रेखा के दाहिने हिस्से को मंगल रेखा और बांए हिस्से को बुध रेखा कहा गया है। इसके नीचे दाहिनी आंख के ऊपर सूर्य रेखा, बायीं आंख के ऊपर चंद्र रेखा और इन दोनों के मध्य में दोनों भौहों के ठीक बीच में शुक्र रेखा होती है।
ललाट पर तिल का महत्व
ललाट पर लाल और काले दो रंग के तिल पाए जाते हैं। लाल तिल को शुभ और काले तिल को अशुभ माना जाता है। कुछ विशेष स्थिति में काले तिल को भी शुभ में गिना जाता है। यदि ललाट पर शनि रेखा के दाहिनी ओर लाल तिल हो तो वह व्यक्ति परिश्रमी और धनवान होता है। काले रंग का तिल हो तो व्यक्ति चतुर और कपटी होता है। शनि रेखा के ऊपरी भाग में लाल तिल हो तो वह स्त्रियों से विशेष प्रेम रखने वाला होता है। ऐसा व्यक्ति मेहनती होता है और जो काम हाथ में लेता है उसे पूरा करके छोड़ता है। यहां काले रंग का तिल हो तो स्त्री के प्रेम में पड़कर बदनाम होता है। स्त्रियां पुरुषों के प्रेम में फंसकर बदनाम होती हैं।