शरीर जब दे ऐसी प्रतिक्रियाएं तो उसके पीछे हैं 7 बातें, जरूर जाने
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कोलकाता टाइम्स :
कभी ठंड के कारण रोंगटे खड़े होना तो कभी छींक आना..कभी खुजली होना तो कभी थकान और उदासी में उबासियां आना…सभी के साथ होता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि शरीर ऐसी प्रतिक्रियाएं क्यों देता है? जानने के लिए जरूर पढ़ें -रोंगटे खड़े होना – जब भी आपको ठंड लगती है या फिर डर लगता है, तो
रोंगटे खड़े होना :बेहद आम बात है। त्वचा के बालों का यूं सीधा या खड़ा होना, जिसे रोंगटे खड़े होना कहते हैं, दरअसल आपकी त्वचा के लिए एक रोंएदार गर्म आवरण बना देते हैं, जिससे आपकी त्वचा प्रभावित होने से बच जाती है।
खुजली – किसी कीड़े या मच्छर के काटने पर खुजली होना सामान्य लेकिन अहम घटना है, जिससे आपका शरीर व त्वचा, मस्तिष्क को प्राकृतिक रूप से संकेत देती है, कि कुछ गलत हो रहा है, जिसे रोका जाना चाहिए। इसके प्रथम प्रतिक्रिया आपके द्वारा खुजाकर दी जाती है।
पसीना आना – जब भी आप दौड़ते हैं, धूप में होते हैं, तैरते हैं या फिर व्यायाम करते हैं, तो शरीर से पसीना निकलता है। पसीना निकलना इस बात का संकेत है कि आपके शरीर का तापमान बढ़ चुका है और इसे कम या ठंडा होने की जरुरत है। पसीना निकलते ही आप गर्मी से राहत व ठंडा महसूस करते हैं।
उबासी आना – उबासी, बगासी या ऊबना आलस की निशानी माना जाता है। उबासी आना, शरीर की एक प्रतिक्रिया है जो बताती है कि आपको सतर्क रहना है। उबासी लेने पर शरीर में कार्बन-डाइ-ऑक्साइड और ऑक्सीजन का आदान-प्रदान होता है और आपके अतिरिक्त ऑक्सीजन लेकर कार्बन-डाई-ऑक्साइड छोड़ते हैं, जो आपको जागृत रखने में मदद करता है।
छींक आना – अगर आपको लगातार छींक आ रही है, तो इसका मतलब है कि आपकी नाक में कुछ अवांछित है जो आपके लिए हानिकारक है। जिसे बाहर निकालने के लिए मस्तिष्क द्वारा संकेत दिया जाता है। अगर आपको सर्दी होती है तो नाक में जमा होने वाला म्यूकस, रोगाणुओं को अंदर प्रवेश करने से राकता है।
रोना – रोने की प्रक्रिया न केवल सफाई करती है बल्कि आपकी नजर को और बेहतर बनाने में मदद करती है। जब हम अति संवेदनशील होते हैं और अपनी तकलीफ जाहिर नहीं कर पाते तब रोना आता है और यह प्रक्रिया हमारी किसी तकलीफ की ओर संकेत करता है। इसके अलावा अत्यधिक तनाव होने पर यह प्रक्रिया तनाव से राहत देती है।
शर्म आना – शर्म एक ऐसी प्रतिक्रिया है जो बेहद स्वाभाविक है। इसका मतलब है आपका रक्त संचार बढ़ रहा है और शरीर के अंगों में पर्याप्त ऑक्सीजन पहुंच रही है। इसके अलावा एड्रिनेलिन हार्मोन के स्त्राव के समय हृदय की धड़कनों के बढ़ने पर भी चेहरे पर लालिमा और शर्म जैसी संवेदनाएं प्रकट होती हैं।