हिस्टीरिया के रोगी के लिए रामवाण है रीठे का धुआं
आमतौर से रीठा के बालों के लिए फायदे से लोग परिचित है, लेकिन बहुत कम लोग इस बात को जानते हैं कि यह विभिन्न बीमारियों में भी बहुत उपयोगी होता है. आइए जानते है रीठा के सौंदर्य और स्वास्थ्य लाभों के बारे में –
1-रीठा अस्थमा में भी फायदेमंद होता है. कफजनित खांसी होने पर 5 ग्राम रीठे के छिलके का पाउडर 250 मिली पानी में काढा बनाकर पिलाने से राहत मिलती है. उल्टी होने पर गर्म पानी अधिक मात्रा में पिलाएं, जिससे खुलकर उल्टी हो तथा सारा कफ फेफडे से निकल जाए, जिससे सांस, खांसी कफ से राहत मिल सके.
2-रीठा का पानी का एक प्राकृतिक हैंडवॉश भी है. आप चाहें तो हाथ धोने के लिए इसका इस्तेमाल कर सकते हैं. हो सके तो रीठा के पानी में कुछ बूंद नींबू का रस मिला दें ताकि इसकी सुगंध अच्छी हो जाए और साथ ही नींबू के रस का भी इस्तेमाल किया जा सकता है. इससे ज्यादा दिनों तक सही रखेगा.
3-हिस्टीरिया के दौरे पडने वाले रोगी को रीठा के छिलकों को जलाकर उसका धुआं देना चाहिए. इसकी धूनी के प्रयोग से हिस्टीरिया के दौरे पडने बंद हो जाते हैं. इसके अलावा रीठा सिरदर्द को दूर करने में भी बहुत उपयोगी होता है. पूरे सिर का दर्द हो या आधे सिर का या फिर गर्मी या सर्दी-जुकाम से सिरदर्द. सभी तरह के सिरदर्द के लिए रीठा उपयोगी होता है. ऐसे रोगी की नाक में रीठा के रस की केवल दो बूंदें डालने से तीन दिन में ही सिर दर्द दूर हो जाता है.